रायपुर। दो दिन के दिल्ली दौरे के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज सुबह रायपुर लौट आए। स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पर मीडिया से चर्चा में मुख्यमंत्री ने कैबिनेट विस्तार पर कुछ खास नहीं कहा, मगर उनके दिल्ली से लौटते ही मंत्रिमंडल में नए नामों को लेकर लोगों की उत्सुकता बढ़ गई है। सोशल मीडिया में 50 प्रतिशत कमेंट या खबरें आजकल विष्णुदेव कैबिनेट के नए सदस्यों को लेकर पोस्ट हो रही हैं।
एक नाम तय? दूसरे पर सस्पेंस
विष्णुदेव कैबिनेट में इस वक्त मंत्रियों के दो पद खाली हैं। इनमें से एक के लिए दुर्ग विधायक गजेंद्र यादव का नाम सबसे उपर बताया जा रहा है। गजेंद्र छत्तीसगढ़ आरएसएस के पुराने प्रमुख बिसरा राम यादव के बेटे हैं। छत्तीसगढ़ में यादवों के वोट बैक और विधायकों की संख्या को देखते बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व ने तय किया है कि यादव समाज से एक मंत्री बनाया जाना चाहिए। बता दें, छत्तीसगढ़ की राजनीति में यादवों का प्रभाव शुरू से रहा है। राज्य बनने से पहले बिलासपुर के बीआर यादव 16 साल तक अर्जुन सिंह और दिग्विजय सिंह मंत्रिमंडल में रहे। एक समय बीआर यादव दिग्विजय सिंह के बाद दूसरे नंबर पर पहुंच गए थे। राज्य बनने के बाद अजीत जोगी सरकार के दौरान रामानुजलाल यादव को काफी महत्व दिया गया। जोगी ने उन्हें माईनिंग कारपोरेशन का अध्यक्ष बनाया था। इसके बाद रमन सरकार में दुर्ग के ही हेमचंद यादव मंत्री रहे। सो, मंत्री बनने के लिए दुर्ग के गजेंद्र यादव का एक नाम पक्का माना जा रहा है। दूसरी कुर्सी के लिए जिन नामों की चर्चा है उनमें अमर अग्रवाल, अजय चंद्राकर, राजेश मूणत और लात उसेंडी शामिल हैं।
कट सकता है पुरानों का पत्ता
हालांकि, दो पदों में से एक पर किसी पूर्व मंत्री को मौका दिया जा सकता है…मीडिया में इसकी अटकलबाजी जोरों से चल रही है। मगर जानकारों का कहना है कि अभी कुछ भी फायनल नहीं हुआ है। बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता की मानें तो इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि दोनों मंत्री नए विधायकों में से बनाया जाए। अगर दोनों नहीं, तो एक मंत्री निश्चित तौर पर नया होगा।