नई दिल्ली | प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मीटिंग हुई. कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि आज कुल 5 फैसलों को मंजूरी दी गई है. इसमे सबसे अहम फैसला किसानों के लिए है. कैबिनेट ने खरीफ सीजन के लिए 14 फसलों के लिए एमएसपी को मंजूरी दी गई है |
केंद्रीय मंत्री के मुताबिक इस फैसले से किसानों के खाते में 2 लाख करोड़ रुपये जाएंगे जो कि पिछले साल के मुकाबले 35 हजार करोड़ रुपये ज्यादा होंगे.फैसलों के अनुसार धान की एमएसपी 2183 रुपये प्रति क्विन्टल से बढ़ाकर 2300 रुपये प्रति क्विन्टल की गई है. मक्का की एमएसपी 2090 रुपये प्रति क्विन्टल से बढ़ाकर 2225 रुपये प्रति क्विन्टल हुई है |
महाराष्ट्र के वधावन पोर्ट को मंजूरी
मोदी कैबिनेट का दूसरी फैसला इंफ्रा सेक्टर से जुड़ा है. कैबिनेट ने महाराष्ट्र के वधावन पोर्ट को मंजूरी दी है. इस पोर्ट के निर्माण में करीब 76 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा. इस पोर्ट को डहाणू के करीब बनाया जाएगा और इस पोर्ट को जेएनपीए और महाराष्ट्र मेरीटाइम बोर्ड का ज्वाइंट वेंचर मिल कर तैयार करेगा. जेवी में महाराष्ट्र मेरीटाइम बोर्ड की 26 फीसदी हिस्सेदारी रहेगी और जेएनपीए का हिस्सा 74 फीसदी का होगा |
ऑफशोर विंड एनर्जी प्रोजेक्ट को मंजूरी
मोदी कैबिनेट का तीसरा फैसला रीन्यूएबल एनर्जी से जुड़ा है. भारत में पहली ऑफशोर विंड एनर्जी प्रोजेक्ट को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. इसकी कुल क्षमता एक गीगावॉट होगा जो कि 500-500 मेगावॉट के दो प्रोजेक्ट होंगे. ये प्रोजेक्ट समुद्र तट से कुछ दूरी पर सागर में स्थापित किए जाएंगे जिससे पूरे साल बिजली का उत्पादन किया जा सकेगा. एक प्रोजेक्ट गुजरात में और दूसरा तमिलनाडु में लगाया जाएगा |
वाराणसी एयरपोर्ट के विस्तार को मंजूरी
कैबिनेट का चौथा फैसला वाराणसी के एयरपोर्ट को लेकर है . कैबिनेट ने एयरपोर्ट के विस्तार को मंजूरी दी है जिसमें एक नया टर्मिनल बनाया जाएगा वहीं रनवे का विस्तार होगा. ये पूरा प्रोजेक्ट 2870 करोड़ रुपये की लागत का होगा|
फॉरेंसिक इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार के योजना को मिली मंजुरी
कैबिनेट का पांचवा फैसला फॉरेंसिक इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार से जुड़ा है. कैबिनेट ने इससे जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार के लिए योजना को मंजूरी दे दी है. केंद्रीय मंत्री के मुताबिक इंफ्रा तैयार करने से न्याय करने में और इसकी प्रक्रिया मे तेजी लाने में मदद मिलेगी. इसके अलावा हर राज्य में फॉरेंसिक लैब और नेशनल फॉरेंसिक साइस यूनिवर्सिटी का एक कैंपस बनाया जाएगा जहां हर साल हजारों की संख्या में छात्र ट्रेनिंग लेंगे. ये योजना 2254 करोड़ रुपये की है |