- दक्षिण में बीजेपी का 6 सीटों से 36 सीटों तक का सफर
- 2019 में बीजेपी को ओडिशा विधानसभा में मिली थीं सिर्फ 23 सीटें
- बीजेपी से हटा हिंदी पट्टी की पार्टी होने का तमगा
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 संपन्न हो गए, नरेन्द्र मोदी ने पीएम पद की शपथ ले ली। हालांकि इस बार भारतीय जनता पार्टी पूर्ण बहुमत के साथ सरकार नहीं बना पाई। जेडीयू और टीडीपी जैसे साथियों के साथ मिलकर मोदी 3.O का गठन हुआ। इस बार बीजेपी को जहां उत्तर प्रदेश के परिणामों ने निराश किया। वहीं दक्षिण भारत के राज्यों में पर्याप्त सफलता मिली। केरल में तो खाता ही पहली बार खुला। दक्षिण भारत के राज्यों की बात की जाए तो आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, ओडिशा, केरल शामिल हैं। ये सभी राज्य समुद्र तटीय राज्य हैं। इन तटीय राज्यों में ओडिशा से लगे पश्चिम बंगाल को भी शामिल किया जा सकता है।
बीजेपी ने दक्षिण और दक्षिण पूर्व के समुद्र तटीय राज्यों में इस बार जोरदार उपस्थिति दर्ज कराई है। वैसे तो गुजरात, गोवा और महाराष्ट्र भी समुद्र तटीय राज्य हैं, लेकिन यहां पहले से ही बीजेपी की सरकार है। साल 2014 से 2024 के बीच बीजेपी की सीटें दक्षिण भारत और पश्चिम बंगाल सहित 5 तटीय राज्यों में 6 गुना बढ़ गईं। वहीं बीजेपी का मत प्रतिशत भी करीब 17 फीसदी बढ़ा है।
दक्षिण में बीजेपी का 6 सीटों से 36 सीटों तक का सफर
दक्षिण के समुद्रतटीय पांच राज्यों आंध्र, बंगाल, तमिलनाडु, केरल और ओडिशा में बीजेपी ने पिछले चुनावों की अपेक्षा अच्छा प्रदर्शन किया है। 2014 में जब पहली बार मोदी सरकार बनी थी, तब इन पांच राज्यों में कुल 6 सीटें ही बीजेपी के खाते में आई थीं। तब यह माना जाता था कि बीजेपी सिर्फ हिंदी पट्टी की पार्टी है। दक्षिण में बीजेपी का कोई वजूद नहीं है। लेकिन मोदी सरकार के पूरे कार्यकाल में समुद्र से लगे इन राज्यों में भी बीजेपी का जनाधार बढ़ा, वोट बढ़े और सीटें बढ़ीं। यही कारण रहा कि 2014 की 6 सीटों के मुकाबले 2024 में बीजेपी ने 36 सीटें हासिल कीं।
चिनफिंग को महाबलिपुरम बुलाकर मोदी ने दक्षिणी राज्यों को साधा
नरेन्द्र मोदी ने दक्षिणी राज्यों पर अपने पहले कार्यकाल से ही फोकस रखा। चीन के राष्ट्रपति चिनफिंग को दक्षिण भारत बुलाना इसी का एक उदाहरण है। पीएम मोदी ने 2019 में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के आगमन पर तमिलनाडु के महाबलिपुरम में अनौपचारिक बैठक रखी थी। किसी बड़े राष्ट्राध्यक्ष को दक्षिण भारत में बुलाने और यहां मोदी की उपस्थिति से दक्षिणी राज्यों की जनता के बीच मोदी ने अपनी करीबी जता दी।
दक्षिण में बीजेपी ने पहली बार रचा यह इतिहास
ओडिशा में बीजेपी को विधानसभा चुनाव में पहली बार अकेले दम पर बहुमत मिला। ओडिशा में लोकसभा के साथ ही हुए विधानसभा चुनाव में 147 सीटों में से 78 पर बीजेपी ने जीत हासिल कर पहली बार इतिहास रचा। बीजेपी ने 24 साल से ओडिशा में काबिज बीजू जनता दल की नवीन पटनायक सरकार को हरा दिया। 2019 में बीजेपी ओडिशा विधानसभा में सिर्फ 23 सीटें ही जीत पाई थी।
पहली बार : केरल में खुला खाता, ओडिशा में बीजेपी को बहुमत
केरल में भी पहली बार बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में जीत का खाता खोल दिया और 1 सीट जीत ली। वहीं आंध्र प्रदेश विधानसभा में भी बीजेपी के एनडीए में सहयोगी दल टीडीपी यानी तेलगुदेशम पार्टी ने जीत दर्ज की है। चंद्रबाबू नायडू ने 12 जून को यहां सीएम पद की शपथ ली। इस राज्य में टीडीपी भी सरकार का हिस्सा है।
दक्षिणी राज्यों में कहां कितना बढ़ा मत प्रतिशत?
- केरल में 20 सीटों में से 2019 में बीजेपी का खाता भी नहीं खुला था। इस बार एक सीट मिली है। वहीं 2019 में इस राज्य में बीजेपी का मत प्रतिशत 13 और 2024 में करीब 17 फीसदी बढ़ा है।
- आंध्र प्रदेश में 25 सीटों में से बीजेपी को इस बार तीन सीटें मिली हैं। वहीं 2019 में एक भी सीट नहीं मिली थी। वोट शेयर भी 1 प्रतिशत से बढ़कर 11.28 फीसदी हो गया है।
- तमिलनाडु में 2019 की तरह इस लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी का खाता नहीं खुला। हालांकि मत प्रतिशत 3.7 से 11.24 फीसदी बढ़ गया है। इस राज्य में 39 लोकसभा सीटें हैं।
- ओडिशा में 21 सीटें हैं। इस राज्य में बीजेपी को 2019 में 8 सीटें मिली थीं। वहीं 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने अकेले दम पर 20 सीटें जीतकर इतिहास रच दिया। वोट शेयर की बात की जाए तो 2019 में जहां 38.9 फीसदी मत बीजेपी के खाते में गए थें, वहीं इस चुनाव में 45.34 प्रतिशत मत बीजेपी को मिले।
- बंगाल में कुल 42 सीटों में से इस बार बीजेपी को 12 सीटें ही हासिल हो पाईं। जबकि बीजेपी ने यहां पूरा जोर लगा दिया। पिछले चुनाव में इस बार से ज्यादा सीटें बीजेपी को मिली थीं। 2019 में बीजेपी को 18 सीटें मिली थीं। मत प्रतिशत की बात की जाए तो बीजेपी का इस बार वोट शेयर भी कुछ घटा है। 2019 में बीजेपी को 40.6 फीसदी मत मिले थे, वहीं इस चुनाव में बीजेपी को 38.73 फीसदी वोट मिले।
मोदी मंत्रिमंडल में कुछ ऐसा रहा दक्षिण भारत का प्रतिनिधित्व
पीएम मोदी के मंत्रिमंडल में इस बार दक्षिण के राज्यों से कई मंत्री बने हैं। 9 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 72 मंत्रियों ने शपथ ली। दक्षिण भारत की बात की जाए तो पांच राज्यों में कर्नाटक से निर्मला सीतारमण, पूर्व पीएम एचडी देवेगौड़ा के बेटे एचडी कुमारस्वामी, प्रह्लाद जोशी, शोभा करंदलाजे और वी सोमन्ना शामिल हैं। तमिलनाडु से एल मुरुगनकेरल मंत्री बनाए गए। केरल से सुरेश गोपी और जॉर्ज कुरियन, आंध्र से राममोहन नायडू, सी. पेम्मासानी और भूपतिराजू श्रीनिवास वर्मा मंत्री बनाए गए। वहीं तेलंगाना से दो सांसदों जी किशन रेड्डी और बंदी संजय कुमार मंत्री बनाए गए।