Home ललितपुर आओं मिलकर वृक्ष लगायें,धरती को खुशहाल बनायें 

आओं मिलकर वृक्ष लगायें,धरती को खुशहाल बनायें 

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● बच्चों ने कहा -प्रकृति का संरक्षण करके धरती पर फैलायें हरियाली 

ललितपुर | हमें प्रकृति को खुशहाल रखना है तो उसके नियमों का पालन करना होगा। मनुष्य को प्रकृति का संरक्षण करके प्रकृति की गोद में खेलने के लिए हरियाली लानी होगी। प्रकृति का संरक्षण करके उसका सौंदर्य बढायें। प्राकृतिक सौंदर्य की निराली छटा को देखकर विदेशी भी आह्लादित हो जाते हैं। प्रकृति का संरक्षण करके ही बसुधा को हरियाली युक्त कर सकते हैं।
हमें प्रकृति द्वारा प्रदत्त किए गए उपहारों का संरक्षण करके प्रकृति को खुशहाल बनाना हैं।बच्चों ने आने वाले पर्यावरण दिवस व प्रकृति संरक्षण पर अपने-अपने विचार रखकर कहा कि बसुधा को खुशहाल बनायें,आओं मिलकर वृक्ष लगायें।

जल,जंगल,जमीन की करनी होगी सुरक्षा- राघव दुबे

राघव दुबे का कहना है कि जल, जंगल और जमीन के बिना प्रकृति अधूरी है। जिस देश में यह तीनों मौजूद हैं वहां सुख व समृद्धि को देखा जा सकता है।भारत देश में जंगल,वन्य जीव और वनस्पति सभी मौजूद हैं। किंतु कुछ समय से इन तीनों को वैश्विक स्तर पर नुकसान हो रहा है। हमें विचार करना होगा कि यदि वन्य जीव भूमंडल पर न रहेंगें तो पर्यावरण व मनुष्य के आर्थिक विकास भी प्रभाव पड़ेगा।हमें आवश्यकता है कि हम पर्यावरण का संरक्षण करके उसे खुशहाल बनायें।

प्रकृति का बिगड रहा है संतुलन – अनिरूद्ध सोनी

अनिरूद्ध सोनी का मानना है कि विज्ञान के क्षेत्र में असीमित प्रगति तथा नये आविष्कारों की स्पर्धा के कारण आज का मानव प्रकृति पर पूर्णतया विजय प्राप्त करना चाहता है। इस कारण दिनोंदिन प्रकृति का संतुलन बिगड़ गया है। वैज्ञानिक उपलब्धियों से मानव प्राकृतिक संतुलन को उपेक्षा की दृष्टि से देख रहा है। दूसरी ओर धरती पर जनसंख्या की निरंतर वृद्धि, औद्योगीकरण एवं शहरीकरण की तीव्र गति से जहाँ प्रकृति के हरे- भरे क्षेत्रों को समाप्त किया जा रहा है।इन्हीं कारणों से प्रकृति का संतुलन विगड रहा है।देश की राजधानी में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है।जो प्रकृति के अनुकूल नहीं है।

प्रकृति का करें संरक्षण- वर्तिक

वर्तिक विश्वकर्मा का मानना है कि संतुलित वातावरण सुनिश्चित करने के लिए प्रकृति का संरक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण है।वर्तमान समय की यह स्थिति है कि बहुत से प्राकृतिक संसाधन तेजी से घट रहे हैं। प्रकृति के संरक्षण के लिए प्रत्येक व्यक्ति को अपना योगदान अवश्य करना चाहिए।

पानी की वर्वादी को रोकना होगा-आयूष

आयूष सिंह का कहना है कि पानी को बुद्धिमानी से इस्तेमाल किया जाना चाहिए।अगर पानी का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं किया गया तो वह दिन दूर नहीं जब हमें थोड़े से पानी के लिए भी तरसना पड़ेगा। पानी का सही तरीके से इस्तेमाल करके पानी की वर्वादी से रोका जा सकता है।

 वृक्षारोपण करके धरती पर लायें हरियाली- देवांश जैन

देवांश जैन का कहना है कि विश्व पर्यावरण दिवस व वन महोत्सव के अवसर पर अधिक से अधिक पेड लगाकर बसुधा पर चारों ओर हरियाली फैलायें।पेडों को कटने से रोकना होगा।वृक्षारोपण के माध्यम से हम धरती पर हरियाली फैला सकते हैं।जन्मदिन पर एक पौधा अवश्य लगायें।दूसरे बच्चों को भी प्रेरित करें जिससे बसुधा हरी- भरी दिखाई दे।