बेमेतरा। बेमेतरा के बोरसी पिरदा की बारूद फैक्ट्री के पांचवें दिन प्रशासन और प्रबंधन ने डटे हुए ग्रामीणों और परिजनों से लम्बी बातचीत चली। दिन भर बातचीत के दौरान आखिरकार सात मजदूरों के परिजनों ने प्रबंधन से 29-29 लाख रुपये के भारतीय स्टेट बैंक के नाम से चेक व एक लाख रुपये नगद रूप में मुआवजा ले लिया। दो मजदूरों के परिजनों ने मुआवजा लेने के इनकार कर दिया। फैक्ट्री के गेट पर अभी भी ग्रामीण डटे हुए हैं।
आपको बता दें कि पिरदा के स्पेशल ब्लास्ट लिमिटेड बारूद में 25 मई शनिवार की सुबह 7 बजकर 56 मिनट में पी टी एन प्लांट में जोर का विस्फोट हुआ था। इस विस्फोट में 10 से 12 मजदूर चपेट में आ गए थे। एक मजदूर की ईलाज के दौरान मौत हो गई थी। 6 मजदूर घायल थे जिन्हें उपचार के बाद हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी गई है। 8 मजदूरों की गुमशुदगी कन्डरका पुलिस चौकी में दर्ज की गई।
हादसे के बाद एस डीआरएफ और एनडीआरएफ की संयुक्त टीम ने संयुक्त ऑपरेशन चलाकर लापता मजदूरों को मलबे से साबुत मजदूर तो नही मिले बल्कि मानव अंग और मांस के लोथड़े को पालीथीन में भरकर बेमेतरा प्रशासन ने डीएनए के लिए भेजा है। 5 दिन बाद फैक्टरी प्रबंधन लापता मजदूरों और मृत मजदूर के परिजनों को 29-29 लाख रुपये का चेक व एक लाख रुपये नगद देने तैयार हुए। दो लापता मजदूरो लोकनाथ यादव और शंकर यादव के परिजनों को छोड़कर 7 मजदूरों के परिजनों ने धरना स्थल उठकर फैक्टरी के गेट में प्रवेश कर 29 लाख रुपये चेक व एक लाख नगद लेकर फ़ैक्ट्री के पीछे गेट से गांव की ओर रवाना कर दिया गया।