महाराष्ट्र | महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस ने यह कहते हुए कि ‘विकसित भारत’ का रास्ता ‘विकित बंदरगाहों’ से होकर गुजरता है, भारत के बंदरगाहों को विकसित करने के महत्व पर जोर दिया। राज्यपाल बुधवार (29 मई) को जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी के 35वें स्थापना दिवस के अवसर पर मुंबई में एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। राज्यपाल की उपस्थिति में जेएनपीए और पीएसए के बीच और वाधवान में ग्रीनफील्ड पोर्ट के विकास के लिए जेपीएनए और सीएमएसीजीएम के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर राज्यपाल ने सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के प्रतिनिधियों और जेएनपीए के अधिकारियों को सम्मानित किया। राज्यपाल ने जेएनपीए की 35वीं वर्षगांठ पर भंडारकर प्रकाशन द्वारा प्रकाशित कॉफी टेबल बुक और विशेष संस्करण का विमोचन किया। इस अवसर पर जेएनपीए का एक विशेष कवर और कॉर्पोरेट कस्टमाइज्ड माई स्टैम्प भी जारी किया गया। मुंबई पोर्ट अथॉरिटी के अध्यक्ष राजीव जलोटा, अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय सेठी, सीमा शुल्क के मुख्य आयुक्त राजेश पांडे, मुख्य पोस्ट मास्टर जनरल महाराष्ट्र किशन कुमार शर्मा, जेएनपीए के अध्यक्ष उन्मेश शरद वाघ, महाप्रबंधक और सचिव मनीषा जाधव और जेएनपीए के अधिकारी और कर्मचारी और आमंत्रित व्यक्ति उपस्थित थे |