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18 डॉक्टर ड्यूटी से गायब, नोटिस देने पर उल्टे कलेक्टर के खिलाफ खोल दिया मोर्चा, राज्यपाल को ज्ञापन…

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धमतरी। स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने के धमतरी कलेक्टर नम्रता गांधी के अभियान के खिलाफ डॉक्टरों ने मोर्चा खोल दिया है। पिछले दिनों कलेक्टर के औचक निरीक्षण में सिविल सर्जन सहित 18 डॉक्टर अनुपस्थित थे। कलेक्टर ने उन्हें नोटिस देने के साथ ही वेतन काटने की कार्रवाई की थी। अब डॉक्टरों ने कलेक्टर के खिलाफ लामबंद होकर मोर्चा खोल दिया है। साथ ही हड़ताल की चेतावनी दे दी है।

23 मई को धमतरी कलेक्टर नम्रता गांधी जिला अस्पताल के औचक निरीक्षण में पहुंची थी। इस दौरान उन्हें सिविल सर्जन एसके टोंडर सहित अन्य डॉक्टर अनुपस्थित मिले थे। साथी अस्पताल में जगह-जगह गंदगी पसरी मिली थी। जिसको देख कलेक्टर भड़क उठी थीं। उन्होंने सिविल सर्जन सहित 18 डॉक्टरों को अनुपस्थिति पर नोटिस जारी किया था। साथ ही संतुष्टि पूर्ण जवाब न मिलने पर एक से तीन दिन के वेतन काटने की कार्यवाही की गई थी। मरीजों को मिलने वाले भोजन की क्वालिटी भी चख कर क्वालिटी अच्छी नहीं होने पर भोजन शाखा प्रभारी को हटाने की कार्यवाही की थी।

कलेक्टर के इस एक्शन के बाद डॉक्टर लामबंद हो गए है। कलेक्टर की सख्ती के खिलाफ डॉक्टर ने कलेक्टर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और लापरवाही बार रखने वाले कर्मचारियों की क्लास लेकर उन्हें नोटिस जारी करने के चलते नाराज डॉक्टरों ने कलमबद्ध हड़ताल करने की चेतावनी दी है। डॉक्टरों ने राज्यपाल को सौंपे ज्ञापन में कहा है कि कलेक्टर द्वारा किए गए दुर्व्यवहार से वे आहत है। चिकित्सकों को बिना लिखित आदेश के अपने कक्ष में बुलाकर स्पष्टीकरण मांगने के साथ ही एक एवं तीन दिनों का वेतन काटा गया। जबकि सभी चिकित्सक अपने दिए गए दायित्व का संपादन निष्ठा पूर्वक कर रहे हैं। डॉक्टरों का आरोप है कि चिकित्सकों की उपस्थिति निरीक्षण हेतु तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को भेजा जाता है एवं उनके द्वारा चिकित्सकों से दुर्व्यवहार पूर्वक रवैया अपनाया जाता है। अब देखना यह है कि डॉक्टरों के इस स्टंट से कलेक्टर नम्रता गांधी दबाव में आतीं हैं या स्वास्थ्य सेवाओं को बहाल करने के लिए उनकी सख्ती बदस्तूर जारी रहती हैं।