नई दिल्ली- कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने क्लेम सेटलमेंट के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। संगठन ने उन मामलों में राहत दी है, जिनमें ईपीएफओ सदस्य का निधन हो गया है और उनका आधार पीएफ खाते से लिंक नहीं या जानकारियों का मिलान नहीं हो रहा है। अब इनके नॉमिनी आधार डिटेल्स के बिना भी पीएफ खाते की रकम पा सकेंगे।
ईपीएफओ ने इस संबंध में हाल ही में एक सर्कुलर जारी किया है। ईपीएफओ के मुताबिक, ईपीएफ सदस्यों की मृत्यु के मामले में क्षेत्रीय अधिकारियों को उनके आधार विवरण को जोड़ने और उनका सत्यापन करने में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। ऐसे में ईपीएफ सदस्य के नॉमिनी को भुगतान करने में विलंब हो रहा था।
क्षेत्रीय अधिकारी देंगे मंजूरी
ईपीएफओ के अनुसार, चूंकि सदस्य की मृत्यु के बाद आधार विवरण को ठीक नहीं किया जा सकता है, इसलिए अब सभी मृत्यु मामलों में आधार को जोड़े बिना भौतिक आधार पर दावा सत्यापन को मंजूरी दे दी गई है। यह केवल क्षेत्रीय अधिकारी की अनुमति के बाद ही किया जा सकेगा। यही नहीं ऐसे मामलों में धोखाधड़ी रोकने के लिए मृतक की सदस्यता और दावेदारों की जांच भी की जाएगी।
यहां लागू होगा नियम
यह नियम उन मामलों पर लागू होंगे, जहां सदस्य का विवरण ईपीएफ यूएएन में सही है, लेकिन आधार डाटा में गलत है। वहीं, अगर आधार में विवरण सही है लेकिन यूएएन में गलत है तो नॉमिनी को इसके लिए अलग से प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
नॉमिनी को आधार जमा करने की अनुमति मिलेगी
यदि आधार डिडेल्स दर्ज किए बिना किसी सदस्य की मौत हो जाती है, तो नामांकित व्यक्ति का आधार विवरण सिस्टम में सहेजा जाएगा और उसे हस्ताक्षर करने की अनुमति दी जाएगी। वहीं, ऐसे मामलों, जहां मृत सदस्य ने नॉमिनी नहीं बनाया हो, वहां परिवार के सदस्यों और कानूनी उत्तराधिकारियों में से किसी एक को अपना आधार जमा करने की अनुमति दी जाएगी।
यहां होती थी दिक्कत
1. आधार में गलत विवरण या आधार में तकनीकी दिक्कतें
2. आधार संख्या का निष्क्रिय होना
3. आधार का यूएएन में दर्ज विवरण से मिलान न होना