बिलासपुर– जिले में सड़क चौड़ीकरण के माध्यम से यातायात को सुगम बनाने की कोशिश हो रही है तो वहीं शहर के मुख्य मार्गों के अलावा वैकल्पिक मार्ग बनाकर ट्रैफिक के दबाव को भी काम करने की कोशिश हो रही है।
इसी कड़ी में पुराना बस स्टैंड से इमलीपारा को जोड़ने वाली सड़क पर पिछले कई वर्षों से दुकानदार अपनी दूकान लगा रहे है, जिन्हें हटाने के लिए निगम ने कई बार नोटिस दिया, लेकिन दुकानदार हाईकोर्ट में जाकर इस पर स्टे ले लेते थे, लेकिन पिछले दिनों हाईकोर्ट ने विकास में बाधा बन रहे इन दुकानों के स्ट को खारिज कर दिया। इसके बाद शनिवार को नगर निगम ने यहां 88 दुकानों को नोटिस जारी कर उन्हें वैकल्पिक स्थान उपलब्ध करा दिया। इसके लिए पुराना बस स्टैंड के अंदर जगह चिन्हांकित कर इन्हें आवंटित किया गया।
लेकिन व्यापारियों का कहना था कि उन्हें बगल के ही स्थान पर अस्थाई रूप से स्थान दिया जाए, जिससे उनका व्यापार प्रभावित न हो, लेकिन निगम प्रशासन का कहना था कि इस पर मौजूदा समय में व्यवस्था नहीं हो सकती, लेकिन दुकानदार अपनी बात पर अड़े रहे। इसके बाद मंगलवार को भी नगर निगम ने व्यापारियों को इस संबंध में बातचीत करने बुलाया, लेकिन जब व्यापारी नहीं पहुंचे तो बुधवार को नगर निगम के अमले ने यहां पहुंचकर दुकानों को तोड़ने की कार्यवाही शुरू कर दी। शुरुआत में जब नगर निगम का अमला यहां तोड़फोड़ करने पहुंचा तो व्यापारियों ने विरोध किया, लेकिन नगर निगम और पुलिस विभाग ने जब सख्ती दिखाई तो व्यापारी मान गए और वह अपने दुकानों को दूसरे स्थान पर शिफ्ट करने लगे, लगभग 20 से 25 दुकानों को नगर निगम ने डहा दिया है। वहीं वर्षों पुराने दुकानों को उजड़ता देख संचालकों के आसू झलक गए।
इसके अलावा व्यापारियों का आरोप है कि नगर निगम के द्वारा उन्हें समय नहीं दिया गया, जिस पर नगर निगम का कहना है कि उन्होंने लगातार व्यापारियों से बातचीत करनी चाही, लेकिन व्यापारी मानने को तैयार नहीं थे, जिसके कारण यह कार्रवाई की गई है। हालांकि अब भी जो प्रोजेक्ट तैयार हुआ है उसके तहत इन सभी दुकानदारों को आने वाले समय में यही पर दुकान आवंटित करने का प्रावधान रखा गया है।