रायपुर- पूर्ववर्ती कांग्रेस की भूपेश सरकार ने नगर पंचायत, नगरपालिका और नगर निगम के चुनाव के नियमों में बड़ा फेरबदल किया था। पूर्व में जहाँ निकायों में अध्यक्ष और महापौर का चुनाव स्वतंत्र रूप से होता था और जनता इन शीर्ष पदों के लिए मतदान करती थी तो वही तत्कालीन सरकार भूपेश सरकार ने अध्यक्ष और महापौर के चुनाव का अधिकार चुने हुए पार्षदों को दे दिया था। इस नियम के बाद बहुमत के आधार पर चुनाव किया जाता था। तब की विपक्षी पार्टी भाजपा ने इस फैसले का पुरजोर तरीके से विरोध किया था। राजनीति से दूर आम लोगों के बीच भी यह चर्चा थी कि इस तरह के नियमों से चुनावी गड़बड़ी और खरीद-फरोख्त को बढ़ावा मिलेगा।
हालाँकि अब प्रदेश में सरकार बदल चुकी हैं लिहाजा यह भी तय हैं कि नई सरकार पुरानी सरकार के इस फैसले को पलटते हुए अध्यक्ष और महापौर के चुनाव को अधिकार आम मतदाताओं को वापस कर दे।
इस बारें प्रदेश के उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने आईबीसी24 से खास बातचीत की हैं। उन्होंने बताया हैं कि उनकी सरकार इस बारे में विचार कर रही हैं और लोकसभा चुनाव के संपन्न होने के बाद इस पर विचार-विमर्श कर फैसला लिया जाएगा। (Rules of municipal elections will change in Chhattisgarh) अरुण साव ने यह भी बताया हैं कि वे नगरीय निकाय चुनाव के लिए भी पूरी तरह से तैयार हैं। ऐसे में यह तय माना जा रहा हैं कि इस साल एक आखिर में जब नगरीय निकायों के चुनाव होंगे तो मतदाता एक बार फिर से एक के बजाये दो वोट कर पाएंगे। इनमे एक पार्षद तो दूसरा नगर अध्यक्ष का होगा।