Home रायपुर ‘मेघदूतम’ के सरगुजा में चिंतामणि-शशि सिंह की अग्निपरीक्षा, जानिए सियासी समीकरण

‘मेघदूतम’ के सरगुजा में चिंतामणि-शशि सिंह की अग्निपरीक्षा, जानिए सियासी समीकरण

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  • कांग्रेस को 20 साल का सूखा खत्म करने की चुनौती
  •  भाजपा की चिंता दूर करने में लगे चिंतामणि महाराज

रायपुर- सरगुजा के रामगिरि पर्वत पर महाकवि कालीदास ने अपने महाकाव्य ‘मेघदूतम’ की रचना की थी। विश्व की प्राचीनतम शैल नाट्यशाला भी यहां स्थित है। भगवान श्रीराम ने यहां वनवास के महत्वपूर्ण समय बिताएं। जिस तरह धार्मिक की दृष्टि सरगुजा का नाम वर्षों से कायम हैं, वहीं राजनीतिक दृष्टि से भी सरगुजा महत्वपूर्ण सीट मानी जा रही है। माना जाता है कि छत्तीसगढ़ में सत्ता की चाबी सरगुजा और बस्तर संभाग के विधानसभा सीटों से खुलती है। विधानसभा में यहां सभी सीटों पर कमल खिला है। अब लोकसभा में यह सीट लोगों की निगाहों में हैं। सरगुजा लोकसभा सीट आजादी के बाद 1952 में अस्तित्व में आई।

तब से लेकर अब तक तीन जिले के आठ विधानसभा में 17 बार आम चुनाव हो चुके हैं, जिसमें नौ बार कांग्रेस व आठ बार भाजपा ने जीत हासिल की है। राज्य बनने के बाद 23 वर्ष के इतिहास पर गौर करें यहां 2004 से यहां भाजपा का कब्जा रहा है। उत्तरी छत्तीसगढ़ में सरगुजा लोकसभा सीट का सियासी समीकरण इस बार चिंतामणि महराज ने दिलचस्प कर दिया है। कंवर और गोंड जनजाति के मतदाता यहां हर बार बड़ी भूमिका निभाते हैं।

सामरी विधायक रहे चिंतामणि महराज ने टिकट कटने के बाद बगावत कर दी, जिसके बाद वे भाजपा में शामिल हुए और सरगुजा से लोकसभा प्रत्याशी बनाए गए। कांग्रेस ने युवा नेत्री, युवा कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव शशि सिंह को सरगुजा लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी घोषित कर दिया है।

शशि सिंह को राजनीति विरासत में मिली है। सूरजपुर जिले में वे जिला पंचायत सदस्य हैं। उनके पिता स्व.तुलेश्वर सिंह जोगी सरकार में मंत्री रह चुके हैं। वर्तमान में यहां भाजपा से रेणुका सिंह सांसद के साथ भरतपुर सोनहत से विधायक हैं।

दोनों के लिए राहें आसान नहीं

सरगुजा की वर्तमान हालातों पर गौर करें तो दोनों पार्टियों के लिए राहें आसान नहीं है। कांग्रेस में रहने के बाद भी चिंतामणि महराज को भाजपा ने बड़ी उम्मीदों के साथ प्रत्याशी बनाया है। उनके समर्थक कांग्रेस में भी गिने जाते हैं,वहीं भाजपा से तो हैं ही। इधर शशि सिंह की राजनीतिक विरासत उन्हें चुनाव में मदद कर सकती है। पिछले चुनाव में भाजपा-कांग्रेस में जीत-हार का अंतर वोट शेयर में 13 प्रतिशत के करीब रहा था।

समस्याओं से जूझता सरगुजा

1. एयर स्ट्रिप-एयरपोर्र तैयार,लेकिन हवाई सेवा शुरू नहीं।

2. पड़ोसी राज्यों को जोड़ने के लिए रेल सुविधा का अभाव। दिल्ली के लिए हफ्ते में एक बार ट्रेन।

3. अंबिकापुर से रेनुकूट रेल मार्ग व बरवाडीह रेल मार्ग जोड़ने के प्रस्ताव अधूरा।

फैक्ट फाइल

सरगुजा लोकसभा सीट पर एक नजर

निर्वाचित- निकटतम प्रतिद्वंदी

वर्ष-प्रत्याशी-दल-प्राप्त मत-प्रतिशत- प्रत्याशी-दल- प्राप्त मत-प्रतिशत

1999-खेलसाय सिंह-कांग्रेस-2,97,776-51.31-लारंग साय-भाजपा-2,36,352-40.72

2004-नंद कुमार साय-कांग्रेस-3,57,108-52.77-खेलसाय सिंह-कांग्रेस-2,53,656-37.48

2009-मुरारीलाल सिंह-भाजपा-4,16,532-51.73-भानुप्रताप सिंह-कांग्रेस-2,56,984-31.91

2014-कमलभान सिंह-भाजपा-5,85,336-50.63-राम देव राम -कांग्रेस-4,38,100-37.89

2019-रेणुका सिंह सरुता (इ)-भाजपा-6,63,711-53.04-खेलसाय सिंह-कांग्रेस-5,05,838-40.42

वर्ष 2019 में वोट शेयर

भाजपा-53.04 प्रतिशत

कांग्रेस-40.42 प्रतिशत

मतदान का प्रतिशत- 75.60 प्रतिशत

वर्ष 2014 में वोट शेयर

भाजपा-50.63

कांग्रेस-37.89

मतदान का प्रतिशत- 77.96 प्रतिशत

फैक्ट फाइल

सरगुजा लोकसभा में विधानसभा सीट- अंबिकापुर, लुण्ड्रा, सीतापुर, सामरी, रामानुजगंज, प्रतापपुर, भटगांव, प्रेमनगर।

फैक्ट फाइल

कुल मतदाता-18,19,347

महिला-9,14,398

पुरुष-9,04,915

तृतीय लिंग-34