Home कुण्डलपुर कई जन्मों के पुण्य से देखने को मिलते हैं आचार्य पदारोहण जैसे...

कई जन्मों के पुण्य से देखने को मिलते हैं आचार्य पदारोहण जैसे क्षणः डॉ. मोहन यादव

13
0

भोपाल- आज पुण्यक्षेत्र कुण्डलपुर में आचार्य पदारोहण महामहोत्सव में आकर मुझे ऐसा लग रहा है कि देवताओं की भी आंखें आज के इस दृश्य को देखने के लिए तरस रही होंगी। आचार्य श्री समय सागर महाराज के पदारोहण के इस दृश्य को देखकर हम सभी इसे समझने की कोशिश करते रहेंगे, लेकिन सही अर्थ में यह हमें समझ में नहीं आएगा कि हम कौन सी दुनिया में पहुंच गए हैं। कई जन्मों के पुण्य से आचार्य पदारोहण जैसे क्षण मृत्युलोक में देखने को मिलते हैं। परमात्मा ने यह क्षण दिखाकर हमारा जीवन धन्य कर दिया।

यह बात मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दमोह जिले के जैन तीर्थ स्थल कुण्डलपुर के विद्यासागर मंडपम में आयोजित आचार्य पदारोहण महोत्सव में कही। जैन संत समय सागर महाराज के आचार्य पदारोहण महोत्सव में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा भी विशेष रूप से उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा महोत्सव के दौरान आचार्य श्री समय सागर जी महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारत की विशेषता और परमात्मा की कृपा है कि इस पृथ्वी पर कई जन्मों के पुण्य के बाद मृत्यु लोक में ऐसे कुछ क्षण मिलते हैं, जो हमारे जीवन को धन्य कर जाते हैं। मानव से महामानव और महामानव से देवत्व धारण कर लें, ऐसे देवता के दर्शन हो जाएं तो वाकई जीवन धन्य हो जाता है। ऐसा लगता है कि अब इस घड़ी के बाद कुछ बचा नहीं, सब कुछ प्राप्त हो गया है।

भगवान महावीर और 24 तीर्थंकरों के वीरपदों को पाठ्यक्रम में शामिल किया
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अपने जीवनकाल में आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जीते जी देवत्व धारण कर गये, उनकी कृपा से हमारी सरकार बनी तो हमने पहली कैबिनेट में कुछ ऐसे निर्णय लिए, जिस कारण से हमारी सनातन संस्कृति युगों-युगों से दुनिया में अलग जानी जाती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नई शिक्षा नीति लागू हुई है, जिसके माध्यम से भारत को गौरवशाली भारत के रूप में जाना जाएगा। भाजपा सरकार ने भगवान महावीर स्वामी के वीरपदों एवं 24 तीर्थंकरों के वीरपदों को पाठ्यक्रम में हिस्सा दिया है। सागर में शुरू किए जाने वाले आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज का नाम आचार्यश्री विद्यासागर महाराज के नाम से किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गौरवशाली भारत की भावी पीढ़ी को उस लायक बनाया जाएगा, जिसके कारण वह गर्व महसूस कर सकें और गौरान्वित हो सकें। हमारी सरकार ने निर्णय लिया के खुले में मांस नहीं बिकने दिया जाएगा, जिसका पालन भी कराया गया है। इस अवसर पर प्रदेश शासन के मंत्री प्रहलाद पटेल, लखन पटेल, धर्मेंद्र सिंह लोधी, पूर्व मंत्री एवं दमोह विधायक जयंत कुमार मलैया, पूर्व मंत्री एवं पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष डाँ. रामकृष्ण कुसमारिया, विधायक उमादेवी खटीक, शैलेन्द्र जैन, पूर्व विधायक अजय टंडन सहित जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।

आचार्य बने समय सागर महाराज, संघ प्रमुख मोहन भागवत आसन तक लेकर पहुंचे
दरअसल, मध्य प्रदेश के दमोह जिले में स्थित कुंडलपुर तीर्थ क्षेत्र में मंगलवार को समाधिस्थ आचार्य विद्यासागर महाराज के उत्तराधिकारी के तौर पर मुनि समय सागर महाराज ने विधि-विधान से आचार्य पद स्वीकार किया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत समय सागर महाराज को आसन तक लेकर पहुंचे। इसके बाद आगे की प्रक्रिया शुरू हुई। इस पल के लाखों लोग साक्षी बने।

पदारोहण कार्यक्रम दोपहर एक बजे शुरू हुआ। समय सागर महाराज को मुनि संघ अपने साथ लेकर पहुंचा। सोने-चांदी के कलश से उनके चरण धुलवाए गए। कार्यक्रम का संचालन नियम सागर महाराज, प्रणाम सागर महाराज और अन्य मुनियों ने किया। समय सागर महाराज को सबसे ऊंचे आसन पर बैठाया गया। चौक पूरने के बाद आचार्यश्री का आसन रखा गया। इसके बाद मुनि संघ ने समय सागर महाराज से पद स्वीकार करने का निवेदन किया, जिसे उन्होंने स्वीकार किया। मांगलिक क्रिया में सबसे पहले कलश स्थापना की गई। इसके बाद आचार्य पद ग्रहण करने की विधि शुरू हुई। एक के बाद एक पांच स्वर्ण कलश स्थापित किए गए। इस नजारे को देखने के लिए पूरे देशभर से लाखों लोग कुंडलपुर पहुंचे थे।

समय सागर महाराज के आसन पर विराजमान होने और आचार्य पद स्वीकार करने के बाद सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत सहित अन्य लोगों ने आचार्यश्री को श्रीफल भेंट किया। सरसंघचालक डॉ. भागवत ने कुंडलपुर में सबसे पहले बड़े बाबा के दर्शन किए। इसके बाद उन्होंने आचार्य समय सागर महाराज सहित अन्य मुनियों का आशीर्वाद लिया। उन्होंने कार्यक्रम की पत्रिका का विमोचन किया।