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असफलता मनुष्य को तोड़ देती है, पर जीवन को नया मोड़ देती है विज्ञाश्री माताजी

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जयपुर– प. पू. भारत गौरव, गणिनी आर्यिका 105 गुरुमाँ विज्ञाश्री माताजी ससंघ सान्निध्य में श्री महावीर दिगम्बर जैन मंदिर सिविल लाईन, जयपुर में भक्तों ने अभिषेक, शांतिधारा करने का सौभाग्य प्राप्त किया।
तत्पश्चात प्रवचनों के माध्यम से मानव को पुरुषार्थी बनने के लिए माताजी ने कहा कि- असफलता मनुष्य को तोड़ देती है, पर जीवन को नया मोड़ देती है, पुरुषार्थ से डरने वाले बंधुओं, जो जी-जान से पुरुषार्थ करता है उसे असफलता छोड़ देती है। मंदिर मार्ग की और जाते हुए जीर्णोदार कमेटी के अध्यक्ष धर्मचंद पहाडिया, नॅशनल कोर्ट के जज साहब अशोक जैन ने पूज्य गुरुमाँ के चरण प्रक्षालन का परम सौभाग्य प्राप्त किया।
तत्पश्चात पूज्य आर्यिका संघ की आहार चर्या निर्विघ्न सम्पन्न हुई। जिसका सौभाग्य शांतिलाल जैन, कंवरपाल जैन ने प्राप्त किया। गुरूभक्त कंवरपाल जैन की नवीन दुकान में आर्यिका संघ के प्रवेश के साथ नांगल आदि मांगलिक क्रियाएं सम्पन्न हुई।
गायत्री, नगर, मांग्यावास जैन समाज एवं कमल दीवान सहित तीनों नसियां की समाज ने गुरूमां के चरणों में अल्प प्रवास एवं विधानादि शुभ आयोजन हेतु श्रीफल समर्पित किया। जग्गा की बावडी के सेकेट्री साहब अनिल बक्सी ने पूज्य गुरुमां का मंगल आशीर्वाद प्राप्त किया।