भिलाई- भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा संचालित मैत्री बाग के जू की शान रही सफेद बाघिन रक्षा अब रायपुर जंगल सफारी में सफेद बाघों का कुनबा बढ़ाएगी। वहीं रायपुर जंगल सफारी की सफेद बाघिन जया की दहाड़ अब मैत्री बाग में गूंजेगी। वन्य प्राणियों का माहौल एवं जेनेटिक बदलाव लाने आदान-प्रदान योजना के तहत इन दोनों सफेद बाघिन का आदान प्रदान गुरुवार को किया गया।
भिलाई की मैत्री बाग से लाई जाएगी
उल्लेखनीय है कि भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा संचालित मैत्री बाग के जू अपने बेहतर वन्य माहौल के लिए जाना जाता है। वहीं देशभर में सफ़ेद बाघ के संरक्षण एवं संवर्धन में भी यहां का नाम है। आज यहां से सफेद बाघिन रक्षा को रायपुर के जंगल सफारी के लिए रवाना किया गया। वहीं जंगल सफारी से सफेद बाघिन जया को यहां लाया गया है।
जया करीब चार साल की है। उसे पिंजरा से मैत्री बाग के बाड़ा में शिफ्ट करने में एक घंटे से भी अधिक का समय लगा। इस दौरान सुरक्षा के कड़े उपाय किए गए थे। वहीं जया के सेहत की भी जांच की गई।
इस दौरान बीएसपी के अधिकारी भी मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि मैत्री बाग में सफेद बाघों की संख्या नौ थी। आदान प्रदान के बाद भी इतने ही बाघ रह गए।
छह माह पहले रक्षा ने तीन शावकों को जन्म दिया था। मैत्री बाग उद्यान विभाग प्रबंधन के अनुसार बीत साल नवंबर में मादा बाघ रक्षा ने 3 नन्हे शावकों को जन्म दिया।
शावकों के पिता का नाम सुल्तान है। इसके एक साल पहले बाघिन रोमा ने भी एक नन्हे शावक को जन्म दिया गया था, जिसका पिता भी सुलतान ही था।