- दुर्ग लोकसभा के अंतर्गत आते हैं नौ विधानसभा क्षेत्र l
- केवल पाटन और भिलाई नगर में कांग्रेस जीत पाई थी पिछला चुनावl
भिलाई- दुर्ग लोकसभा क्षेत्र की सात विधानसभा में भाजपा के विधायक काबिज है। वहीं, केवल पाटन और भिलाई नगर में कांग्रेस ने चुनाव जीता था। पाटन से कांग्रेस 19 हजार से अधिक मतों और भिलाई नगर से 1,200 से अधिक मतों के अंतर से जीती थी। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए विस चुनाव में मिले वोटों के अंतर को पाटना किसी चुनौती से कम नहीं है।
पिछले विधानसभा चुनाव में दुर्ग जिले की छह विधानसभा सीटों में से चार पर भाजपा और दो पर कांग्रेस को जीत मिली थी। वहीं, बेमेतरा जिले की तीनों विधानसभा सीटों पर भाजपा प्रत्याशी ही चुनाव जीतने में सफल रहे। दुर्ग लोकसभा में प्रमुख मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही रहा है। वर्तमान में सात विधानसभा सीटों दुर्ग ग्रामीण, दुर्ग शहर, वैशाली नगर, अहिवारा, साजा, बेमेतरा और नवागढ़ पर भाजपा का कब्जा है।
वहीं पाटन और भिलाई नगर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के विधायक हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने इस संसदीय क्षेत्र की सात विधानसभा सीटों पर भारी मतों के अंतर से जीत हासिल की थी। दुर्ग शहर और वैशालीनगर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी 40 हजार से अधिक मतों के अंतर से विजयी हुए थे। भाजपा की जीत वाली दुर्ग ग्रामीण, अहिवारा और नवागढ़ विधानसभा क्षेत्र में भी वोटों का अंतर काफी अधिक रहा है।
दोनों सीटों पर बढ़त बनाने उतरेगी कांग्रेस
दुर्ग लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले पाटन और भिलाई नगर विधानसभा क्षेत्र में ही कांग्रेस को जीत मिली थी। इसमें पाटन विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस को 19723 मतों के अंतर से जीत मिली थी। वहीं भिलाई नगर विस क्षेत्र में सबसे कम 1264 मतों के अंतर से ही कांग्रेस जीती है। इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को इन सीटों पर अपने जीत को बरकरार रखने के साथ ही अन्य विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त बनाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ेगी।
कांग्रेस मजबूत होने के बाद भी भाजपा को मिली थी जीत
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के ठीक पहले दिसंबर 2018 में विधानसभा चुनाव हुआ था। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में दुर्ग लोकसभा की नौ विधानसभा सीटों में से आठ में कांग्रेस का कब्जा था, जिसमें पाटन, दुर्ग शहर, दुर्ग ग्रामीण, भिलाई नगर, अहिवारा, साजा, बेमेतरा और नवागढ़ शामिल रहा।
एकमात्र वैशाली नगर विधानसभा क्षेत्र में ही भाजपा प्रत्याशी को जीत मिली थी। मजबूत स्थिति में होने के बाद भी विस चुनाव के कुछ महीने बाद हुए लोकसभा चुनाव में इस संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस को करीब पौने चार लाख मतों के अंतर से पराजय मिली थी। कांग्रेस के मजबूत होने के बाद भी भाजपा ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में इस संसदीय सीट से बड़ी जीत हासिल की थी।