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राजीव गांधी यूनिवर्सिटी में करोड़ों का गबन, CM मोहन के आदेश पर कुलपति समेत 8 के खिलाफ FIR दर्ज

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भोपाल: मध्य प्रदेश की राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में करोड़ों रुपये के गबन के मामले में राज्य सरकार  ने कड़ी कार्रवाई की है. 19.48 करोड़ रुपये निजी बैंक खाते में भेजने और 25-25 करोड़ की चार एफडी आरबीएल निजी बैंक में फर्जी दस्तावेज तैयार कर रखने सहित अन्य वित्तीय अनियमितताएं सामने आई हैं.

इस मामले में सीएम मोहन यादव के जांच के आदेश के बाद आरजीपीवी के कुलपति प्रो. सुनील कुमार, निलंबित रजिस्ट्रार आरएस राजपूत, वित्त नियंत्रक ऋषिकेश वर्मा, लाभार्थी मयंक कुमार और दलित संघ सोहागपुर और चार अन्य के खिलाफ भोपाल के गांधी नगर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है. मुख्यमंत्री मोहन यादव के रविवार को लखनऊ से लौटकर भोपाल पहुंचने पर उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार उनसे मिलने पहुंचे और आरजीपीवी मामले की पूरी जानकारी दी.

इसके बाद मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय के वित्त शाखा के सभी अधिकारियों को हटाकर उच्च स्तरीय समिति से जांच कराने के निर्देश दिए हैं. इसके बाद ही थाने में मामला दर्ज किया गया है. जानकारी के अनुसार अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता दो दिन से आरजीपीवी कैंपस में इसी आर्थिक अनियमितता के मामले में कार्रवाई करने को लेकर धरना दे रहे थे. रविवार सुबह प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार भी कैम्पस पहुंचकर धरना दे रहे अभाविप के कार्यकर्ताओं से मिले थे.

एफआईआर के अनुसार एक निजी बैंक की पिपरिया शाखा में आरजीपीवी के 100 करोड़ रुपये की एफडी बनवाकर जमा किए गए हैं. जिस आरबीएल (निजी बैंक) के शाखा में रुपये जमा किए गए हैं, वह बैंक की बहुत छोटी शाखा है. लेकिन आरजीपीवी के कुलपति और तत्कालीन रजिस्ट्रार ने बैंक के फर्जी स्टेटमेंट तैयार करवाकर बैंक को फायदा पहुंचाने के लिए विवि की राशि के 25-25 करोड़ की चार एफडी बनवाकर पिपरिया शाखा में जमा कराई. इसके साथ ही एक एनजीओ को भी अनियमितता बरतते हुए करीब नौ करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है.

वहीं तकनीकी शिक्षा विभाग ने शिकायत के बाद तीन सदस्यीय समिति जांच के लिए गठित की थी. समिति ने शनिवार को अपनी रिपोर्ट दी. इसमें यूनिवर्सिटी के 19.48 करोड़ रुपये आपराधिक षड्यंत्र कर निजी खातों में ट्रांसफर करने की पुष्टि हुई है. इसके बाद सरकार ने यूनिवर्सिटी के तत्कालीन कुलसचिव डॉ. आरएस राजपूत समेत संबंधित शाखा के तत्कालीन अधिकारी/कर्मचारियों को भी निलंबित करने का फैसला लिया.

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रविवार को सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर ट्वीट कर कहा कि ‘मेरे संज्ञान में राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्व विद्यालय में चल रही आर्थिक अनियमितता का प्रकरण सामने आया है. मैंने त्वरित एफआईआर और विश्वविद्यालय की वित्त शाखा में पदस्थ सभी अधिकारियों को हटाकर उच्च स्तरीय समिति द्वारा जांच कराने के निर्देश दिए हैं. इस मामले में दोषी पाए जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति पर राज्य सरकार सख्त कार्रवाई करेगी.’