विनिर्माण और निर्माण गतिविधियों में आई तेजी के बल पर चालू वित्त वर्ष में आर्थिक विकास दर 7.6 प्रतिशत रहने दूसरे अग्रिम अनुमान के साथ ही चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 8.4 प्रतिशत रही है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह दर 4.3 प्रतिशत रही थी। केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा आज जारी द्वितीय अग्रिम अनुमान के अनुसार अक्टूबर दिसंबर 2023 तिमाही में जीडीपी के 43.72 लाख करोड़ रुपये रहा है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 40.35 लाख करोड़ रुपये रहा था। इस तरह से इसमें 8.4 प्रतिशत की बढोतरी हुई है।
बयान में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष में जीडीपी के 7.6 प्रतिशत की गति से बढ़कर 172.90 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचने का अनुमान है जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में यह 160.7 लाख करोड़ रुपये रहा था और वृद्धि दर 7.0 प्रतिशत रही थी। इसमें कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष में निर्माण गतिविधियों में 10.7 प्रतिशत की और विनिर्माण में 8.5 प्रतिशत की तेजी रहने से जीडीपी में 7.6 प्रतिशत की बढोतरी होगी।
बयान में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में विनिर्माण गतिविधियों में 11.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसमें 4.8 प्रतिशत की ऋणात्मक बढोतरी हुई थी। इसी तरह से खान और खनन क्षेत्र में भी इस दौरान 7.5 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है जबकि अक्टूबर दिसंबर 2022 में यह दर 1.4 प्रतिशत रही थी। निर्माण गतिविधियां 9.5 प्रतिशत की दर से इस तिमाही में बढ़ी है और पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह दर इसी स्तर पर थी। बिजली, गैस, जलापूर्ति और अन्य यूटिलिटी सेवाओं की गतिविधियां तीसरी तिमाही में 9.0 प्रतिशत बढ़ी है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह समूह 8.7 प्रतिशत की गति से बढ़ा था।
इस तिमाही में कृषि , पशुधन, वानिकी और मत्स्यपालन समूह की गतिविधियों में ऋणात्तमक 0.8 प्रतिशत की बढोतरी देखी गई है जबकि वित्त वर्ष 2022-23 की समान तिमाही में यह दर 5.2 प्रतिशत रही थी। ट्रेड, होटल, परिवहन, संचार और प्रसारण सेवा समूह की गितिविधियों में तीसरी तिमाही में 6.7 प्रतिशत की बढोतरी हुई जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह वृद्धि दर 9.2 प्रतिशत रही थी। वित्त, रियल एस्टेट और पेशेवर सेवाओं में इस दौरान 7.0 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि अक्टूबर दिसंबर 2022 की तिमाही में यह दर 7.7 प्रतिशत दर्ज की गई थी। इसी तरह से लोक प्रशासन, रक्षा और अन्य सेवाओं में तीसरी तिमाही में 7.5 प्रतिशत की तेजी रही है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत रही थी।