रायपुर-छत्तीसगढ़ के नामी पुरातत्वविद पद्मश्री डा अरुण शर्मा का निधन हो गया। पुरातत्वविद् डा शर्मा ने बुधवार की रात को रायपुर में अंतिम सांस ली। वो 90 वर्ष के थे। डा शर्मा का अंतिम संस्कार गुरुवार को रायपुर के महादेव घाट मुक्ति धाम किया जाएगा। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पुरातत्वविद डा शर्मा के निधन पर शोक जताया है।
डा शर्मा की अंतिम यात्रा गुरुवार सुबह 10 बजे चंगोराभाठा के करणनगर स्थित उनके निवास से महादेव घाट मुक्ति धाम के लिए निकलेगी। बतादें कि पुरातत्वविद अरुण कुमार शर्मा की देखरेख में ही छत्तीसगढ़ के सिरपुर का उत्खनन हुआ था। वो रामसेतु हो या फिर अयोध्या के राममंदिर में पुरातत्व से जुड़े विषयों पर उनकी राय अहम रही है।
डा शर्मा की अंतिम यात्रा गुरुवार सुबह 10 बजे चंगोराभाठा के करणनगर स्थित उनके निवास से महादेव घाट मुक्ति धाम के लिए निकलेगी। बतादें कि पुरातत्वविद अरुण कुमार शर्मा की देखरेख में ही छत्तीसगढ़ के सिरपुर का उत्खनन हुआ था। वो रामसेतु हो या फिर अयोध्या के राममंदिर में पुरातत्व से जुड़े विषयों पर उनकी राय अहम रही है।
छत्तीसगढ़ के पुरातत्ववेत्ता, पद्मश्री डॉ. अरूण कुमार शर्मा जी के निधन का समाचार दुःखद है। सिरपुर का उत्खनन उनके नेतृत्व में ही हुआ था। रामसेतु और अयोध्या के राममंदिर के पुरातात्विक विषयों पर उनकी राय अहम रही।
अयोध्या मंदिर मामले में मुख्य गवाह थे डॉ. अरुण कुमार शर्मा
छत्तीसगढ़ के पुरातत्ववेत्ता पद्श्री डॉ. अरुण कुमार शर्मा की मांग पर ही अयोध्या के राम जन्मभूमि पर खुदाई कराई गई थी। पुरातत्वविद डा शर्मा खोदाई दल के सदस्य भी थे। इतना ही नहीं डा शर्मा अयोध्या मंदिर मामले में मुख्य गवाह भी रहे। हाईकोर्ट में अयोध्या में मंदिर था, इसका प्रमाण इन्होंने ही पेश किया था।
उनकी मांग पर ही यहां खोदाई करवाई गई थी। यहां से मिले शिलालेख और मंदिर के अवशेष ही पूरे फैसले में प्रमुख आधार बने। छत्तीसगढ़ का भगवान श्रीराम से गहरा नाता रहा है। यह उनका ननिहाल है और वे इस मामले में पक्षकार थे।