अंबुजा विद्यापीठ में महान वैज्ञानिक चंद्रशेखर वेंकटरमन् के रमन प्रभाव खोज दिवस 28 फरवरी को विज्ञान दिवस के रूप में मनाया गया । इस अवसर पर सर्वप्रथम विद्यालय के विज्ञान विभाग द्वारा प्राचार्य संजय कुमार पाण्डेय का पुष्प गुच्छ से स्वागत किया गया तत्पश्चात् प्राचार्य संजय कुमार पांडेय, विद्यालय के विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष पद्माकर मिश्रा व समन्वयक गणों के द्वारा महान वैज्ञानिक चंद्रशेखर वेंकटरमन जी के छायाचित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्ज्वलन किया गया । विद्यार्थियों द्वारा दैनिक जीवन में विज्ञान के महत्व को बताते हुए वैज्ञानिकों को समर्पित एक गीत प्रस्तुत किया गया। विद्यालय की विज्ञान शिक्षिका सुश्री सुषमा ठाकुर ने विज्ञान के माध्यम से समाज कल्याण व 2024 के थीम ‘स्वदेशी तकनीक- विकसित भारत’ पर भाषण प्रस्तुत किया। विज्ञान व वैज्ञानिक सोच पर आधारित कविता व भाषण की प्रस्तुति विद्यार्थियों द्वारा की गई। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए प्राचार्य पांडेय ने कहा कि विज्ञान हमारे दैनिक जीवन की आवश्यकता बन गया है और इसके माध्यम से हमारा कार्य अत्यंत सरल हो गया है हमें ये ध्यान में रखना है कि विज्ञान का प्रयोग मानव हित में हो। उन्होंने अपने उद्बोधन में प्राचीन भारत में वैज्ञानिक सोच के बारे में बताते हुए सप्तर्षियों में से एक महान ऋषि अगस्त्य का नामोल्लेख करते हुए बताया कि वे एक महान रसायन शास्त्री थे। नवीन भारत की उपलब्धि चंद्रयान-3 व आदित्य के विषय में भी बताया साथ ही विद्यार्थियों को अनुसंधान हेतु प्रोत्साहित किया।धन्यवाद ज्ञापन जीव विज्ञान शिक्षक जे. वी. डी. कृष्ण मूर्ति ने किया।इस अवसर पर छठवीं से नवमी और ग्यारहवीं कक्षा के विद्यार्थी व शिक्षक, शिक्षिका गण उपस्थित थे।