बिलासपुर। रेलवे सुरक्षा बल ने सोमवार को बुधवार बाजार से अतिक्रमण हटाने अभियान चलाया। इस दौरान 25 अतिक्रमणकारियों खदेड़े गए। एकाएक चलाए गए इस अभियान से अतिक्रमणकारियों के बीच हड़कंप की स्थिति रही। नईदुनिया ने 17 फरवरी के अंक में रेलवे के बंगले व क्वार्टर असुरक्षित, ठेलेवालों ने बढ़ाई चिंता शीर्षक पर आधारित खबर प्रमुखता से प्रकाशित की। बुधवारी बाजार से लेकर तोरवा थाने तक दुकानों के सामने अतिक्रमण हो चुका है। सड़क के दोनों ओर ठेले और फेरीवालों का कब्जा है। रेलवे कालोनी में इन दिनों बिल्डर और कई प्राइवेट कंपनियां भ्रामक विज्ञापन कर रेलकर्मियों को बड़ी आसानी से झांसा दे रही हैं। इस ओर किसी का ध्यान नहीं है। रेलवे कालोनी में लगातार ठेले और फेरीवालों सहित बाहरी असामाजिक तत्वों की संख्या बढ़ रही है।
कभी सड़क पर एक दुकान लगते ही आरपीएफ और इंजीनियरिंग विभाग सतर्क हो जाता था। तत्काल दुकानों को हटाने पहुंच जाते थे। फेरीवालों के आइडी तक चेक किए जाते थे। आलम यह था कि रेलवे स्टेशन के आसपास गुटखा, तंबाकू तथा कोई भी सामान ट्रेनों में बेचने वालों को तुरंत पकड़कर कार्रवाई की जाती थी। अब यह ठंडे बस्ते में चला गया है। कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति होती है। आरपीएफ दिखावे के लिए सुबह दुकानें हटाती है, शाम को फिर लग जाती हैं। खबर के बाद उच्चाधिकारियों ने आरपीएफ व संबंधित रेल अफसरों पर नाराजगी जाहिर की और तत्काल अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए। इसी निर्देश के बाद आरपीएफ सतर्क हुई और सोमवार को बल सदस्यों के साथ अधिकारी मौके पर पहुंचे। इस दौरान जब जांच की गई तो एक या दो नहीं बल्कि 25 से अधिक गुमटी व ठेले वाले ऐसे मिले जो अनाधिकृत तौर पर व्यवसाय संचालित कर रहे थे। उनके पास किसी तरह का दस्तावेज भी नहीं था। लिहाजा उन्हें खदेड़ा गया।
बाक्स- कार्रवाई कहीं न रह जाए औपचारिकता बुधवारी बाजार से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पहले भी की गई है। विडंबना है कि आरपीएफ इस मामले पर तभी गंभीर होती है, जब अखबार में यहां की अव्यवस्था की खबर प्रकाशित होती है या फिर कोई शिकायत करते हैं। नियमित जांच नहीं होने के कारण अतिक्रमणकारी दोबारा यहां कब्जा कर लेते हैं।