रायपुर – संस्था “देर ना हो जाए”द्वारा कैंसर समेत असाध्य रोगों से बचाव के लिए भक्तामर हीलिंग शिविर का आयोजन वृंदावन हाॅल, सिविल लाईन में किया गया। अहमदाबाद से पधारे निकुंज गुरूजी ने असाध्य रोगों पर भक्तामर हीलिंग द्वारा कैसे छुटकारा पाया जाए, विषय पर विस्तृत जानकारी दी। शिविर में विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रसिद्ध कैंसर चिकित्सक डॉ. युसूफ मेमन, मेडिकल कॉलेज में कैंसर विभाग प्रमुख डॉ. मंजू सिंह, मेकाहारा के वरिष्ठ कैंसर चिकित्सक डॉ. राजीव रतन जैन मौजूद रहे। प्रारंभ में संस्था अध्यक्ष श्रीमती शीलू लुनिया, संयोजक मुकेश शाह व रानू लुनिया ने संस्था की जानकारी व स्वागत भाषण देकर अतिथियों का स्वागत किया।
शिविर के मुख्य वक्ता निकुंज गुरुजी ने बताया कि भक्तामर की 48 गाथा में सारी समस्याओं का समाधान है ,बस जरूरत है एकाग्र चित होकर एक आसन में नियमित जाप करने की। उन्होंने कहा कि प्रभु महावीर हो या अरिहंत प्रभु सभी हमारी तरह ही थे पर उन्होंने कठोर तप जप के द्वारा अपनी शक्तियों को जागृत किया और लोकहित मे कार्य किया। हम सबके भीतर परमात्मा विराजमान है जरूरत है उसे पहचानने की । उन्होंने कहा कि रोज सुबह सबसे पहले परमात्मा को धन्यवाद दें और खुद के लिए कहें कि मै बहुत भाग्यशाली हूं, मै पूर्ण स्वस्थ हूं। जब यह बात पूर्ण रूप से इस यूनिवर्स मे गूंज उठेगी तो हम खुद को स्वस्थ महसूस करने लगेंगे और स्वस्थ हो जाएंगे ।साथ ही उन्होने कुछ मंत्र शक्तियों का आह्वान कर सभी के भीतर ऊर्जा का संचार कर दिया। छोटे छोटे कुछ आसन भी बताए जिसे हमें रोज करना चाहिए, ध्यान का जीवन में महत्व भी समझाया और बताया कि ध्यान के द्वारा ही हम अपने मन के भीतर प्रवेश कर सकते हैं और पूर्ण स्वस्थ हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि अवसाद से बचने की सबसे अचूक दवा है माफ करना सीखो। किसी के प्रति बैर भाव को बढ़ावा देने से अच्छा है माफ करना और आगे बढ़ना। रोज भोजन ग्रहण करने के पहले अपने गुरु,माता -पिता, परमेश्वर और स्वयं को धन्यवाद कहें। दिन में कम से कम दस मिनट का मौन अवश्य रखें। शिविर में निकुंज गुरुजी से भक्तामर की दीक्षा ले रही रायपुर की मासूम लुनिया ने भी शरीर को रोगमुक्त करने और हीलिंग से संबंधित बातें बताई। कार्यक्रम में तृप्ति लुनिया आदि शामिल थे। अंत में रायपुर के विभिन्न अस्पतालों में कैंसर विभाग में अपनी सेवाएं दे रहीं 20 नर्सों को सम्मानित किया गया।कार्यक्रम का संचालन श्रीमती सीमा दुग्गड़ (नागपुर) व आभार प्रदर्शन संस्था के संयोजक रानू लुनिया ने किया ।