- वेदी शिलान्यास के कार्यक्रम में उमड़ी भीड़
तालबेहट(ललितपुर) – वीर बुंदेलखंड के प्रसिद्ध दिगम्बर जैन सिद्ध क्षेत्र पावागिरि में परम तपस्वी मुनि पदम सागर महाराज के मंगलमय सानिध्य में सुबह अतिशययुक्त चमत्कारी बाबा मूलनायक भगवान पारसनाथ स्वामी का मस्तिकाभिषेक शांतिधारा का आयोजन किया गया। दोपहर की बेला में पं. विनोद कुमार शास्त्री बबीना के निर्देशन में नयाखेड़ा और विरधा के जिनबिम्बों का सम्भोशरण विराजमान करने के लिये वेदी निर्माण हेतु शिलान्यास किया गया। जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर पुण्यार्जन किया। जल विहार के कार्यक्रम में श्रीजी की भव्य शोभायात्रा निकली, जिसमें चिंतामणि पारसनाथ स्वामी को विमान में लेकर श्रद्धांलु डी जे बैड की धार्मिक धुनों पर धर्म ध्वजा लेकर नृत्य करते युवा एवं मंगल गीत गाती हुई महिलाएं चल रही थी, शोभायात्रा मन्दिर के मेला प्रांगण से गजरथ वेदी पर पहुंची जहाँ आचार्य विद्यासागर महाराज का चित्र अनावरण एवं दीप प्रज्ज्वलन अरुण कुमार नयाखेड़ा, ध्वजारोहण अरविन्द भंडारी ने किया। मंगलाचरण गीतू दीदी ने किया। मुनि श्री का पाद प्रचछालन विकास भंडारी एवं शास्त्र भेंट वासुपूज्य जिनालाय समिति ने किया। मंगल आरती उतारी। मुनि पदम सागर महाराज ने अपने मंगल प्रवचन में आत्म कल्याण के लिए धर्म की साधना करने को कहा। उन्होंने सम्यक दर्शन के प्रभावना अंग का व्याख्यान करते हुए विमानोत्सव का महत्व बताया। वार्षिक कलशाभिषेक फूलमाल का आयोजन किया गया, जिसमें राजकुमार पवा, शिखरचन्द्र, अशोक कड़ेसरा, आनंद कुमार अक्षत पवा, अरविन्द विरधा, अमित कड़ेसरा ने अभिषेक शांतिधारा की क्रियाएं संपन्न की। दुःख दर्द निवारण और मनोकामना पूर्ति के लिए श्रद्धालुओं ने पारसनाथ दरबार में अर्जी लगायी। रात्रि में प्रदीप जैन एंड पार्टी ललितपुर के मधुर संगीत में मंगल आरती, शास्त्र प्रवचन, मां जिनवाणी विद्यासागर दिगम्बर जैन पाठशाला द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में निकटवर्ती सकल दिगम्बर जैन समाज एवं क्षेत्र प्रबंध समिति का सक्रिय सहयोग रहा। संचालन ज्ञानचंद जैन पुरा एवं आभार व्यक्त विशाल जैन पवा ने किया। कोषाध्यक्ष उत्तमचंद जी जैन भड़रा ने बताया आज 2 दिसम्बर को भोंयरे जी के तोरण द्वार का उद्घाटन, त्रिकाल चौबीसी के मूलनायक संकटमोचक मुनिसुव्रतनाथ भगवान का महामस्तिकाभिषेक दोपहर की बेला में क्षेत्र के वार्षिक अधिवेशन उपरांत विमानोत्सव कार्यक्रम में श्रीजी की भव्य शोभायात्रा निकलेगी एवं पाण्डुकशिला पर वार्षिक कलशाभिषेक के साथ स्वर्णभद्रादि मुनिराजों का निर्वाण महोत्सव मनाया जायेगा।