रायपुर – छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने दावा किया है कि छत्तीसगढ़ प्रदेश की जनता का आशीर्वाद भारतीय जनता पार्टी को प्राप्त हो रहा है और प्रदेश में स्पष्ट बहुमत के साथ भाजपा की सरकार बनेगी। चंदेल ने कहा, जनता ने इस बार के चुनाव में बदलाव के लिए जनादेश दिया है और अब “सी-एम” (सी यानी कांग्रेस और एम यानी माओवाद) वालों सरकार से छत्तीसगढ़ को मुक्ति मिलेगी।
- सर्वे आंकलन मात्र है
प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष चंदेल ने छत्तीसगढ़ प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए 7 और 17 नवंबर को हुए मतदान के सर्वे की रिपोर्ट्स (एग्जिट पोल) विभिन्न एजेंसियों और चैनलों पर सार्वजनिक होने के बाद अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा कि यह जो सर्वे है, वह मात्र आकलन है। हमारा आकलन है और हमारा यह सुस्पष्ट मत है कि प्रदेश की जनता कांग्रेस और भूपेश सरकार के कुशासन की विदाई चाहती है। जनता का आशीर्वाद, स्नेह और प्यार भाजपा को प्राप्त होगा और छत्तीसगढ़ में कमल खिलेगा।
- वोट शेयर का फायदा कांग्रेस को नहीं मिलेगा
उन्होंने कहा, पिछले विधानसभा चुनाव में वोट शेयर का जो 10 फीसदी का अंतर था, वह इस बार के चुनाव में कांग्रेस के कतई फायदेमंद साबित नहीं होगा और इसके चलते कांग्रेस भारी नुकसान उठा रही है। चंदेल ने कहा, भाजपा कार्यकर्ताओं के अथक परिश्रम और भाजपा के घोषणा पत्र ‘मोदी की गारंटी’ ने भाजपा के प्रति जन-विश्वास को दृढ़तर किया है और पूरे प्रदेश में भाजपा के पक्ष में सकारात्मक वातावरण निर्मित हुआ। भाजपा की महतारी वंदन योजना को प्रदेश की मातृ-शक्ति का अच्छा प्रतिसाद मिला है।
- गंगाजल की सौगंध खाने वादों से मुकर गए
प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री चंदेल ने कहा कि गंगाजल की सौगंध खाकर पूर्ण शराबबंदी के वादे से मुकर चुकी कांग्रेस को इसकी कीमत इस चुनाव में चुकानी पड़ रही है। एक ओर जहां नशाखोरी और अपराधों ने महिलाओं के सम्मान व स्वाभिमान को लहूलुहान किया, वहीं युवाओं में पीएससी में हुए घोटालों को लेकर जबर्दस्त आक्रोश था। कर्ज में डूबे सैकड़ों किसानों का कांग्रेस के कुशासन में आत्महत्या के लिए विवश होना कांग्रेस और भूपेश सरकार के किसान विरोधी राजनीतिक चरित्र का प्रमाण था, तो कर्मचारी विरोधी नीतियों से अधिकारियों-कर्मचारियों का कांग्रेस से पूरी तरह मोहभंग हो गया।
- सीएम संवैधानिक मर्यादाएं लांघने की होड़ में लगे रहे
श्री चंदेल ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तो अपने पूरे कार्यकाल में पद की गरिमा को ताक पर रखकर सारी संवैधानिक मर्यादाएं लांघने की होड़ में लगे रहे। भ्रष्टाचार के चलते एक ओर जहां ‘सीएम’ यानी ‘कलेक्शन मास्टर’ कहा जाने लगा वहीं सीएम को चीफ ऑफ महादेव एप का तमगा मिला। गिनती के घंटों के लिए कांग्रेसी अपनी सरकार बनने की खुशफहमी में जी लें, तीन दिसंबर को तो उनका सत्ता में लौटने का सपना चूर-चूर हो ही जाना है।