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पावागिरि में वार्षिक मेला के दूसरे दिन मुनि पदम सागर महाराज का हुआ मंगल आगमन

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  • विद्यासागर महाराज का 51वां आचार्य पदारोहण दिवस मनाया 
तालबेहट (ललितपुर) – वीर बुंदेलखंड के प्रसिद्ध दिगम्बर जैन सिद्ध क्षेत्र पावागिरि में प्रतिवर्ष अगहन वदी 2 से अगहन वदी 5 तक आयोजित होने वाले 5 दिवसीय वार्षिक मेला का 29 नवंबर को देवआज्ञा, गुरूआज्ञा, आचार्य निमंत्रण, घटयात्रा के बाद ध्वजरोहण जाप्यानुष्ठान से शुभारम्भ हुआ । परम तपस्वी संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर महाराज का 51वां आचार्य पदारोहण दिवस मनाया एवं रात्रि में महाआरती की गयी । आचार्य विद्यासागर महाराज के परम प्रभावक शिष्य मुनि पदम सागर महाराज का बबीना चातुर्मास से विहार कर रात्रि विश्राम ग्राम बडौरा में हुआ, दूसरे दिन गुरुवार को सुबह पावागिरि प्रबंधकारिणी समिति के तत्वाधान में भव्य आगुवानी के मध्य मुनि श्री का मंगल प्रवेश पावागिरि में हुआ । मुनि पदम सागर महाराज ने धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए तीर्थ क्षेत्र पर धार्मिक अनुष्ठानों के महत्व का गुणानुवाद किया एवं आत्मा का कल्याण करने के लिये संयम का मार्ग बताते हुए धर्म का मर्म समझाया। पं. विनोद कुमार शास्त्री बबीना के निर्देशन में अतिशययुक्त चमत्कारी बाबा मूलनायक भगवान पारसनाथ स्वामी एवं चौबीसी के मूलनायक भगवान चंद्रप्रभ भगवान का मस्तिकाभिषेक शांतिधारा एवं दुःख दर्द निवारण और मनोकामना पूर्ति के लिए पारसनाथ दरबार और रात्रि में प्रदीप जैन एंड पार्टी ललितपुर के मधुर संगीत में मंगल आरती, शास्त्र प्रवचन और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अहिंसा सेवा संगठन के संस्थापक विशाल जैन पवा ने जानकारी देते हुए बताया की वार्षिक मेला के तीसरे दिन 1 दिसम्बर को वेदी शिलान्यास दोपहर की बेला में जल विहार के कार्यक्रम में श्रीजी की भव्य शोभायात्रा निकलेगी एवं गजरथ वेदी पर वार्षिक कलशाभिषेक, फूलमाल, रात्रि में मां जिनवाणी विद्यासागर दिगम्बर जैन पाठशाला द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा । 2 दिसम्बर को त्रिकाल चौबीसी के मूलनायक संकटमोचक मुनिसुव्रत नाथ भगवान का महामस्तिकाभिषेक दोपहर की बेला में क्षेत्र के वार्षिक अधिवेशन उपरांत विमानोत्सव कार्यक्रम में श्रीजी की भव्य शोभायात्रा निकलेगी एवं पाण्डुकशिला पर वार्षिक कलशाभिषेक के साथ स्वर्णभद्रादि मुनिराजों का निर्वाण महोत्सव मनाया जायेगा। 3 दिसम्बर को सर्वविघ्नहरण पारसनाथ विधान के उपरांत आगन्तुक विद्वानो का सम्मान समारोह किया जायेगा । जिसके लिए अध्यक्ष ज्ञानचंद्र जैन पुरा, मंत्री जयकुमार जैन कन्धारी, कोषाध्यक्ष उत्तमचंद्र जैन भड़रा सहित क्षेत्र प्रबंध समिति ने तैयारी पूर्ण कर ली है ।