सहसपुर लोहारा – सैकड़ो वर्षो से चले आ रहे सहसपुर लोहारा दशहरा का उत्सव इस बार भी अपनी परंपरा एवं अपने ऐतिहासिक रीति रिवाजो के साथ सैकड़ो गांवो के ग्रामीणों की उपस्थिति में हर्षॉल्लास के साथ मनाया गया। 9 दिनों के विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों एवं रीति रिवाजो का पालन करते हुए राजा खड़गराज सिंह जब राजमाता एवं अपने कुल देवी देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त करते हुए जब हजारों ग्रामीणों के साथ अपने महल से पूरी आन, बान और शान के साथ निकले तों लोगो में उनकी एक झलक देखने की जो ललक महिला, पुरुषो और बच्चो में दिखी उसे शब्दों में कहना आसान नहीं। दो वाहनों में निकली उनकी यात्रा में एक सुसज्जित रथ नुमा वाहन में राजा खड़गराज सिंह अपने राजपुरोहित पंडित द्वारिका प्रसाद दुबे एवं दशहरा समिति के अध्यक्ष किसन सोनी के साथ सवार थे वही दूसरे वाहन में सहसपुर लोहारा रियासत के गांवो से पहुँचे वरिष्ठ एवं गणमान्य नागरिक थे। वही डोले में राम जी देवी देवताओं के साथ सवार थे साथ में निशान और सहसपुर लोहारा राज का प्रतीक के साथ पारम्परिक वाद यंत्रो के साथ हजारों की संख्या में लोग नगर भ्रमण के लिए निकले जहाँ राजा खड़गराज सिंह ने लोगो का अभिवादन किया एवं नगर के देवी देवताओं से आशीर्वाद प्राप्त किया इस अवसर पर राजा की यात्रा राजमहल से होते हुए जमातपारा, चांदनी चौक, महावीर चौक, महाराणा प्रताप चौक, राउतपारा होते हुए रावण भाठा पहुंची जहाँ 20 फिट ऊची रावण के पुतले को पूरी धार्मिक क्रिया करने के बाद रावण के पुतले का दहन किया गया। जहाँ आतिशबाजी कर असत्य पर सत्य की जीत का जश्न मनाया गया इसके पश्चात राजा का काफिला वापस राजमहल मार्ग से राजमहल पहुंचा। जिस प्रकार का उत्साह, जुनुन राजा से मिलने, राजा को दशहरा पर्व की बधाई देने, राजा को नारियल – पैसा और उपहार भेंट करने के लिए लोगो में दिखाई दी वो राजपरिवार के प्रति उनके ह्रदय से निकलने वाले सम्मान को दिखाता है। चुनाव आचार सहिता की वजह से इस बार राज दरबार का आयोजन नहीं किया गया क्योंकि राजा खड़ग राज सिंह स्वयं कवर्धा विधानसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी से चुनाव मैदान में है। इस लिए उन्होंने आचार सहिता का पालन करते हुए दूर दूर से आये लोगो से महल के अंदर ही उनसे मुलाखात की और लोगो का भेंट और उनका अभिवादन स्वीकार करते हुए मिलने वालों को खुशहाली के प्रतीक के रूप में पान भेंट की और उनकी उन्नति अच्छे स्वास्थ्य की कामना की। इस प्रतिनिधि से चर्चा करते हुए राजा खड़ग राज सिंह ने कहा की दशहरा पर्व खुशहाली, सत्य, प्रेम और भाईचारा सिखाती है। यही अवसर होता है की सैकड़ो गांवो के हमारे परिवारिक लोगो से हमारी भेंट मुलाखात कर एक दूसरे का हाल चाल जानते है। इस दिन पर हमारी यही कामना रहती है की किसानो की फसल अच्छी हो, बीमारों को स्वास्थ्य लाभ मिले, सबके जीवन में खुशहाली आये, सब जाति धर्म के लोग मिलकर हमारे क्षेत्र को एक शन्ति का टापू बनाये, हमारे युवा संस्कारी बने जिससे हम उन्नत समाज का निर्माण कर सके।