बलौदाबाजार (विश्व परिवार)। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के भाटापारा विधानसभा सीट में भाजपा के पास शिवरतन शर्मा के अलावा कोई विकल्प नहीं है। इसीलिए इस बार सातवीं बार उन्हीं पर दांव खेला गया है। वहीं, कांग्रेस ने यहां से इंद्र कुमार साव को प्रत्याशी बनाया है। शिवरतन शर्मा छह बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। इसमें तीन बार जीते और तीन बार हारे थे। 1985 में कांग्रेस से पहली बार स्वर्गीय कलावती मेहता विधायक बनीं । कांग्रेस की इस परंपरागत सीट में 1990 में हुए उपचुनाव में पहली बार भाजपा के नरेंद्र शर्मा विजयी हुए थे। 1990 में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं श्यामाचरण शुक्ला राजिम एवं भाटापारा से चुनाव लड़कर दोनों स्थान से जीते थे। भाटापारा विधानसभा सीट से उन्होंने त्यागपत्र दे दिया। तब भाजपा की सरकार बनी थी और सुंदरलाल पटवा मुख्यमंत्री थे।
भाटापारा सीट रिक्त होने के कारण उपचुनाव हुए, तब भाजपा के नरेन्द्र शर्मा ने कांग्रेस के सतीश अग्रवाल को हराया था। 1993 के आम चुनाव में कांग्रेस के स्व राधेश्याम शर्मा ने भाजपा के शिवरतन शर्मा को पराजित किया था। परंतु 1998 के चुनाव में शिवरतन शर्मा चुनाव जीत 2000 में प्रधानमंत्री स्व अटल बिहारी वाजपेयी के शासनकाल में छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुआ। उस समय छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार थी और स्वर्गीय अजीत जोगी प्रथम मुख्यमंत्री बने थे। तब भाटापारा के विधायक शिवरतन शर्मा थे। 2003 में राज्य में भाजपा की सरकार बनीं, लेकिन भाटापारा से शिवरतन, कांग्रेस के चैतराम साहू से चुनाव हार गए थे।