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सीएम भूपेश ने जगदलपुर में कहा- नगरनार प्लांट ही नहीं बस्तर से एक मुट्ठी मिट्टी भी ले जाने की ताकत भाजपा में नहीं

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  1. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बस्तर दौरे के बाद नगरनार प्लांट को लेकर सियासत तेज
  2. मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि भाजपा आई तो पुरानी पेंशन बंद हो जाएगी और एनपीएस लागू किया जाएगा

रायपुर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बस्तर के दौरे के बाद यहां स्थापित नगरनार स्टील प्लांट को लेकर सियासत तेज हो गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा। जगदलपुर दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री ने कहा कि गृह मंत्री शाह यह कहते तो हैं कि नगरनार स्टील प्लांट का निजीकरण नहीं होगा, लेकिन उसका आदेश नहीं दिखाते हैं । उन्होंने कहा कि नगरनार प्लांट क्या बस्तर से एक मुट्ठी मिट्टी भी ले जाने की ताकत भाजपा के नेताओं में नहीं है।पांच साल पहले भी दावा किया गया था कि नगरनार प्लांट का निजीकरण नहीं होगा, लेकिन प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में बनी समिति ने नगरनार प्लांट को निजी हाथों में बेचने का फैसला किया है। कल ही पांच कंपनियों के लोग नगरनार प्लांट का निरीक्षण करके गए हैं।

भ्रष्टाचार पर भाजपा की कथनी और करनी में अंतर

मुख्यमंत्री बघेल ने आरोप लगाते हुए कहा कि गृह मंत्री भ्रष्टाचार करने वालों को उलटा लटकाने की बात करते हैं, लेकिन भ्रष्टाचारियों के नामांकन में आते हैं। रमन सिंह ने नान घोटाला, चिटफंड घोटाला किया, उनके बेटे का नाम पनामा केस में आया लेकिन गृह मंत्री कांग्रेस के लोगों को उल्टा लटकाने की बात कहते हैं। भाजपा को छत्तीसगढ़ की जनता से कोई लेना देना नहीं है। वह सिर्फ बदला लेना चाहते हैं। वह दौर भी हमने देखा है जब पहले लोग बस्तर आने से डरते थे। एक तरफ नक्सलियों की गोली और दूसरी तरफ पुलिस का खौफ होता था । भाजपा की सरकार बस्तर के लोगों के साथ दुश्मन की तरह व्यवहार करती थी। फर्जी एनकाउंटर कराए जाते थे, फर्जी मुकदमों में जेल भेजा जाता था। आदिवासियों की जमीनें छीन ली जाती थीं। राशन दुकानें, स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र बंद करा दिए जाते थे। किसानों को बाजार से लोन लेना पड़ता था। राशन 35 के बजाय सात किलो कर दिया गया था। किसान अपनी उपज औने पौने दामों में बेचने को मजबूर थे।

डबल इंजन की सरकार में घटी किसानों की संख्या

किसानों के मुद्दे पर भाजपा को घेरते हुए मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि भाजपा की वादा खिलाफी के कारण उनकी सरकार में किसानों की संख्या घट गई। डबल इंजन की सरकर में प्रति एकड़ 15 के बजाय 10 क्विंटल धान खरीदी का फैसला किया गया। बोनस नहीं दिया गया। जबकि कांग्रेस की सरकार ने दो घंटे में किसानों का कर्ज माफ किया। कोदो, कुटकी, रागी का समर्थन मूल्य तय किया। भूमिहीन श्रमिकों के खाते में पैसे भेजने का काम किया। रमन सिंह की सरकार में 12 लाख किसान धान बेचते थे। बीते साल साढ़े 24 लाख किसानों ने धान बेचा। अब प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान की खरीदी होगी तो किसानों की संख्या 26 लाख हो गई है।

भाजपा आई तो ओपीएस नहीं एनपीएस लागू करेगी

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि भाजपा आई तो पुरानी पेंशन बंद हो जाएगी और एनपीएस लागू किया जाएगा। बिजली बिल हाफ योजना बंद हो जाएगा। 35 किलो चावल मिलना बंद हो जाएगी। धान फिर से 20 क्विंटल के बजाय 10 क्विंटल खरीदा जाने लगेगा। धान का मूल्य 2640 रुपये मिलना बंद हो जाएगा।