Home धर्म - ज्योतिष कड़ेसरा कलां में निकली श्री जी की भव्य शोभा यात्रा

कड़ेसरा कलां में निकली श्री जी की भव्य शोभा यात्रा

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  • भक्तांबर महामंडल विधान का किया गया आयोजन
  • कलशाभिषेक कार्यक्रम में श्रद्धालुओं ने लिया बढ़चढ़ कर भाग
  • प्रतिवर्ष पर्यूषण पर्व के उपरांत क्षमापना दिवस पर हो वार्षिकोत्सव- अशोक भैया
  • रात्रि में महाआरती एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए

तालबेहट(ललितपुर) – समीपस्थ ग्राम कड़ेसरा कलां के पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर में दशम प्रतिमाधारी बा.ब्र. अशोक भैया लिधौरा के निर्देशन में सुबह मूलनायक भगवान पारसनाथ स्वामी का नित्यमय शांतिधारा अभिषेक पूजन के उपरांत भक्तामर महामंडल विधान का आयोजन किया गया। विमानोत्सव कार्यक्रम दोपहर की बेला मे मंगलाचरण से शुरू किया गया। विमानोत्सव कार्यक्रम में श्रीजी की भव्य शोभायात्रा निकली, जिसमें तैलीय चित्रों की झांकी, भगवान आदिनाथ को विमान में लेकर श्रद्धालु, मंगल गीत गाती हुयी महिलाएं एवं डीजे बैंड की धार्मिक धुनों पर नृत्य करते बच्चे, सत्य अहिंसा के नारे लगाते हुए युवा, डांडिया नृत्य करते हुए बहु मण्डल वासुपूज्य मंदिर की महिलाएं, धर्मध्वजा लेकर बग्गी में एवं घोड़े पर सवार श्रावक श्रेष्ठी चल रहे थे। धर्मावलंबियों ने अपने द्वारा को रंगोली से सजाकर शोभा यात्रा का स्वागत किया और भगवान की मंगल आरती उतारी। शोभायात्रा गांव के प्रमुख मार्गो से होते हुए वापस मंदिर पहुंची। आचार्य विद्यासागर महाराज एवं मुनि पुंगव सुधा सागर महाराज का चित्र अनावरण और दीप प्रज्वलन के बाद ध्वजारोहण प्रेमचंद्र विनोद कुमार जैन डबरा परिवार ने किया जहाँ वार्षिक कलशाभिषेक, महाआरती एवं फूलमाल कार्यक्रम में श्रद्धालुओं ने बढ़चढ़ कर भाग लिया। इस मौक़े पर अशोक भैया ने कहा जीवन में क्षमा भाव के साथ संयम को धारण कर धर्म को अंगीकार करना चाहिए। उन्होंने कहा धर्म प्रभावना के लिए पर्यूषण पर्व के उपरांत क्षमापना दिवस पर वार्षिकोत्सव मनाना चाहिए। कार्यक्रम में पं. विनोद कुमार शास्त्री, देवेंद्र कुमार, मक्खन लाल, पूरनचंद्र जैन, सुरेंद्र कुमार, प्रीतेश पवैया, जयकुमार, हितेंद्र जैन, सौरभ पवैया, सूरज कुमार, अशोक जैन, प्रवीन भंडारी, अमितेष जैन, शैलेश जैन पिंटू, अरविन्द कुमार, विकास भंडारी, प्रसन्न कुमार, रुपेश भंडारी, संदीप जैन, मनीष कुमार, अजित जैन सहित सकल दिगम्बर जैन समाज का सक्रिय सहयोग रहा। संचालन विशाल जैन पवा एवं सौरभ जैन ने किया। आभार व्यक्त शुभाषचंद्र जैन एवं सिंघई शैलेन्द्र जैन ने संयुक्त रूप से किया।