- कोई राम तो कोई महावीर के रुप मे आया
कोटा – जैन गली रामपुरा में बच्चों को धार्मिक शिक्षा प्रदान करने के लिये प्रारम्भ की गई विद्यानिलय जैन पाठशाला का वार्षिकोत्सव सन्त निवास में मनाया गया । पाठशाला संचालिका सुशीला दुगेरिया ने जानकारी देते हुए बताया कि लगभग 20 माह से समाज के भामाशाह पीयूष जी बज परिवार के सहयोग से जीर्णोद्धारित भवन में जैन पाठशाला का संचालन किया जा रहा है । 12 माह पूर्व 5 अक्टूबर को इसकी विधिवत शुरुआत की गई जिसमें प्रारम्भ के 6 माह में वरुण भैया द्वारा एवं अब जगदीश जी शास्त्री द्वारा बच्चो को निःशुल्क धार्मिक अध्यापन करवाया जा रहा है । बच्चों को धार्मिक शिक्षा के साथ साथ अन्य गतिविधियों में भी पारंगत किया जाता है जिनसे उनका बौद्धिक एवं शारिरिक विकास भी पुष्ट होता है ।
इसी पाठशाला का एक वर्ष पूर्ण होने पर शुक्रवार को वार्षिकोत्सव मनाया गया जिसके अंतगर्त आयोजित विचित्र वेशभूषा प्रतियोगिता में 5 वर्ष के बच्चो से लेकर 85 वर्ष तक के बुजुर्गों ने भी बड़े उत्साह से भाग लिया । प्रतिभागियों ने राम, आदिनाथ, रानी त्रिशला, चन्दनबाला, राजा श्रेणिक, रानी चेलना, मानतुंग स्वामी आदि चरित्रों को मंच पर साकार किया । सभी ने अपनी विषयवस्तु संबंधित संवादों को मंच पर जीवन्त करने का प्रयास किया । जिसमें प्रथम द्वितीय व तृतीय पुरस्कारों के साथ सभी को सांत्वना पुरस्कार दिए गये ।पाठशाला की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए राकेश जैन ‘चपलमन’ ने कहा की लौकिक शिक्षा केवल बौद्धिक विकास कर सकती है किंतु धार्मिक शिक्षा आत्मिक ओर नैतिक विकास दोनों करती है । और यही नैतिक विकास बच्चों को संस्कारो से जोड़े रखता है । कार्यक्रम एक दीप प्रज्वलन श्री रिखब जी- सुनीता जी चांदवाड, पदमा जी कनिका जी सेठी एवं पीयूष जी- कविता जी बज द्वारा किया गया । मंच संचालन जिनेन्द्र पापड़ीवाल द्वारा किया गया ।