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शाश्वत सिद्ध क्षेत्र श्री सम्मेदशिखर तीर्थ की परिक्रमा करने रेल से रवाना हुए सैंकड़ों यात्री

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  • 9 अक्टूबर को करेंगे पर्वत की 52 किलोमीटर की पैदल परिक्रमा

जयपुर – जैन धर्म के सर्वोच्च तीर्थ क्षेत्र श्री सम्मेदशिखर, मधुबन झारखण्ड की चतुर्थ पैदल परिक्रमा तथा पर्वत वन्दना करने के लिये श्री विद्यासागर यात्रा संघ जयपुर के तत्वावधान में 201 सदस्यीय यात्रा दल जयकारों के बीच जयपुर जंक्शन से रेल द्वारा रवाना हुआ । मुख्य संयोजक मनीष चौधरी के नेतृत्व में जयपुर और बाहर के सैंकड़ों की संख्या में यात्री तीर्थराज सम्मेदशिखर की वंदना और परिक्रमा करने हेतु रवाना हुए । यात्रा संयोजक कैलाश छाबड़ा ने बताया कि रवानगी के मौके पर राजस्थान जैन सभा के अध्यक्ष सुभाष चन्द जैन, महामंत्री मनीष बैद, राजस्थान जैन युवा महासभा के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप जैन, महामंत्री विनोद जैन कोटखावदा, दिगम्बर जैन महासमिति के राजस्थान अंचल अध्यक्ष अनिल जैन, बैंकर्स फोरम के अध्यक्ष पदम बिलाला सहित समाज के कई गणमान्य महानुभाव रेलवे स्टेशन पंहुच कर यात्रा दल को माला पहनाकर रवाना किया। इस मौके पर श्री विद्या सागर यात्रा संघ के मनीष चौधरी,कैलाश छाबड़ा, दिपेश छाबड़ा, अखिलेश गंगवाल, मनोज ठोलिया, नितिन पाटनी, गौरव जैन सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने भगवान पार्श्वनाथ के जयकारे लगाए। संयोजक नितिन पाटनी ने बताया कि इस यात्रा के दौरान दिनांक 5 अक्टूबर से 11 अक्टूबर के मध्य कई कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। दिनांक 7 अक्टूबर को तीर्थराज की पैदल वंदना, दिनांक 8 अक्टूबर को श्री सम्मेदशिखर विधान पूजा और 9 अक्टूबर को तीर्थराज की चतुर्थ पैदल परिक्रमा का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम के संयोजक मनोज ठोलिया ने बताया कि इस क्षेत्र से असंख्यात चौबीसी एवं अनन्तानन्त मुनीश्वरों ने कर्मनाश कर मोक्षपद प्राप्त किया है। वर्तमान चौबीसी के काल में यहाँ की 20 टोंकों से 20 तीर्थंकरों के साथ 86 अरब 488 कोड़ाकोड़ी 140 कोड़ी 1027 करोड़ 38 लाख 70 हजार 323 मुनियों ने कर्मों का नाश कर मोक्ष पद प्राप्त किया है। ऐसे सभी पापों की निर्जरा करने वाले पावन तीर्थराज की वंदना करने से 33 कोटि 234 करोड़ 74 लाख उपवास का फल प्राप्त होता है। आचार्यों ने लिखा है कि इस बारह योजन प्रमाण वाले सिद्ध क्षेत्र में भव्य राशि कैसी भी हो, अत्यन्त पापी जीव भी इसमें रहता हो, आता हो, बैठता हो अथवा जन्म लेता हो तो वह 48 भवों में नियम से कर्मों का नाश कर बन्धन से मुक्त हो जाता है। मुख्य संयोजक मनीष चौधरी ने बताया कि यात्रा दल 11 अक्टूबर को वापस जयपुर लौटेगा।