- युवाओं ने धर्म की प्रासंगिकता पर बताए अपने विचार
रायपुर – दिगंबर जैन समाज के पर्युषण पर्व पर समाज के लोगों द्वारा प्रतिदिन धर्म आराधना और तप तपस्या की जा रही है। श्री 1008 वासुपूज्य दिगंबर जैन पूजा मंदिर सेवा समिति एवम आदिश्वर महिला मंडल डीडी नगर द्वारा एक ओर पूजा आराधना और प्रवचन द्वारा भक्ति की जा रही है वहीं रात्रिकालीन सांस्कृतिक कार्यक्रमों आयोजित किए जा रहे हैं। सुबह के कार्यक्रम में श्री दीपक जी दर्शील जैन सौधर्म इंद्र, श्री रविकांत श्रेय जैन ईशान इंद्र, श्री निशांक,शशांक जैन सनत इंद्र, रमेश जी कुणाल जैन वीतराग महेंद्र इंद्र बनकर भगवान का अभिषेक किया, भगवान की शांतिधारा श्री पवन जी, सुमित रोहित सेठी परिवार द्वारा की गई। इसी कड़ी में युवा पीढ़ी द्वारा दस लक्षण पर आधारित दस धर्मों पर अपने विचार व्यक्त किए गए। युवा प्रथम जैन ने उत्तम आर्जव धर्म पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि ये 10 दिनों के धर्म में किए जानें वाले आचरण हमारे जीवन को फिल्टर करने का काम करते हैं। इतिशा जैन ने उत्तम क्षमा धर्म के बारे में कहा की आज के दौर में क्षमावान होना सबसे ज्यादा जरूरी है। उत्तम मार्दव धर्म के बारे में प्रतिभा जैन ने कहा की आज छोटी सी उपलब्धि होने पर भी हम अभिमान से भर जाते हैं और अपने पद और प्रतिष्ठा का ज़ोर दिखाकर दंभ भरने में आगे रहते हैं। ईशान,लक्ष,रितिका जैन ने उत्तम शौच धर्म से अपने जीवन में शुचिता और ईमानदारी को धारण करने की बात कही। उत्तम सत्य धर्म के बारे में तनिषा,अहाना जैन ने कहा कि हमें कितनी भी विषम परिस्थितियों में भी असत्य का सहारा नहीं लेना चाहिए। अन्वेषा जैन ने उत्तम तप के जरिए जीवन में दृढ़ता लाने की बात कही। श्रेय जैन ने उत्तम त्याग धर्म से जीवन में त्याग की महिमा से संतुलन की बात कही। दर्शिल जैन ने काम, क्रोध जैसे विषयों से खुद को बचाते हुए उत्तम संयम धर्म की महिमा बताई। प्राप्ति जैन ने उत्तम आकिंचन धर्म के सही उपयोग से राग द्वेष और परिग्रह से दूर रहने की बात कही। अपेक्षा जैन ने उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म को धारण करके भावनाओं मन को अनावश्यक भटकाव से बचाने की बात कही। इस परिचर्चा की संयोजक रेखा जैन और जया जैन थी। कार्यक्रम के सभी प्रतिभागियों को समाज द्वारा सम्मान किया गया ।