डोला में निकली यात्रा, पंचतत्व में विलीन
सागर – आर्यिका दृढमतिमाताजी, ब्रह्मचारिणी सविता दीदी और ब्रह्मचारिणी अनीता दीदी के गृहस्थ जीवन के पिताजी गुलाबचंद जैन पटना वालों का भाग्योदय तीर्थ क्षेत्र में समाधि पूर्वक मरण हो गया वे 94 वर्ष के थे आचार्य श्री विद्यासागर महाराज के आशीर्वाद से 30 जुलाई को मुनि श्री अजितसागर महाराज ने 10 प्रतिमाओं के व्रत दिये थे। उनका नाम परिवर्तन कर भव्य छपक आसन्न सागर रखा गया था आज सुबह 6:30 बजे भाग्योदय तीर्थ से डोला में उनकी अंतिम यात्रा निकली। 25 एकड़ के प्लाट में विधि विधान से अंतिम क्रियाएं करते हुए उन्हें पंचतत्व में विलीन कर दिया सागर जैन समाज के अध्यक्ष मुकेश जैन ढाना ने बताया कि समाधिस्थ गुलाब पटना कक्का जी ने पूरे जीवन भर धर्म ध्यान किया , मुनि महाराजो की सेवा में और समाज में उनका अमिट योगदान रहा। 10 अगस्त को भाग्योदय तीर्थ के मुख्य पंडाल में विनयांजलि सभा का आयोजन मुनि श्री अजितसागर महाराज के ससंघ सानिध्य में सुबह 9:30 बजे से रखा गया है अंतिम यात्रा में ब्रह्मचारी भैया, ब्रह्मचारिणी बहने, सागर जैन समाज के प्रमुख पदाधिकारी के अलावा गौरझामर, देवरी, ललितपुर, पटना बुजुर्ग सहित कई स्थानों से सैकड़ो की संख्या में महिला पुरुष पहुंचे थे।