अजमेर – परम पूज्य आचार्य श्री 108 विशुद्ध सागर महाराज के परम शिष्य मुनि श्री 108 संकल्प सागर जी महाराज एवं सद्भाव सागर जी महाराज के वर्षा योग कलश स्थापना समारोह अजमेर की पावन धरा पर संपन्न हुआ यह चतुर्मास एक कीर्तिमान लिख गया इस चतुर्मास की खास बात यह रही कि महज 25 मिनट के अंदर बिना किसी बोली के 75 पुण्य अर्जक परिवार मंगल कलश लेने के लिए आ गए जो अपने आप में कीर्तिमान है । आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज के शिष्य मुनि श्री 108 संकल्प सागर जी महाराज मुनि श्री 108 सद्भाव सागर जी महाराज के सानिध्य में विद्यासागर तपोवन छतरी योजना में चातुर्मास कलश स्थापना समारोह सम्पन्न हो गया । कार्यक्रम का प्रारंभ मंगल घट यात्रा से हुआ उसके पश्चात ध्वजारोहण क्रिया संपन्न हु चतुर्मास का ध्वजारोहण सुनील जैन होकरा परिवार के कर कमलों से संपन्न हुआ।
भव्य पंडाल में आयोजित कार्यक्रम में आचार्य विशुद्ध सागर जी महाराज का चित्र अनावरण, सुरेंद्र पाटोदी. पन्नालाल बोहरा दीप प्रज्वलन… सुशील पल्लीवाल… ने किया मुनि श्री को शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य श्रीमती सुधा संजय राजेश सोनी परिवार को मिलामुनि श्री के पाद प्रक्षालन का सौभाग्य … सुनील जैन सुबोध बड़जात्या.. को प्राप्त हुआ।चातुर्मास का मुख्य कलश कैलाश चंद निर्मल प्रियंका अरविंद सेठी परिवार को प्राप्त हुआ। चतुर्मास के अन्य कलश में सुनील खटोड़ परिवार महेश गंगवाल परिवार कैलाश गंगवाल परिवार विजय जैन पालीवाल परिवार को प्राप्त हुआ। श्री दिगंबर जैन मुनि संघ सेवा जागृति मंच के तत्वाधान में चल रहे इस भव्य आयोजन में दूरदराज से श्रद्धालु आए थे किशनगढ़ ब्यावर नसीराबाद केकड़ी डूंगरपुर भीलवाड़ा उदयपुर आदि स्थानों से आकर श्रद्धालुओं ने मुनि श्री को श्रीफल अर्पित किया । अध्यक्ष सुनील जैन होकरा ने बताया कि आयोजन में महावीर अजमेरा प्रदीप पाटनी सुनील पालीवाल विपिन चांदीवाल मनीष पाटनी उपस्थित थे।गुरु पूजन में प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें पाल बिचला मंडल पंचशील मंडल आदिनाथ आदर्श मंडल सोनी नगर मंडल तपोवन महिला मंडल महा समिति महिला इकाई वैशाली नगर ने भाग लिया। आयोजित पूजन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान सखी ग्रुप ने प्राप्त किया द्वितीय स्थान पर पंचशील ग्रुप एवं तपोवन महिला मंडल रहे हैं तृतीय स्थान पर सोनी नगर महिला मंडल एवं आदिनाथ आदर्श महिला मंडल रहे।
चातुर्मास धर्म की अलग जगाने आया है जाग जाओ मुनि श्री संकल्प सागर महाराज
इस अवसर पर मुनि श्री संकल्प सागर जी महाराज ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह चतुर्मास धर्म की अलग जगाने आया है अब जाग जाओ। चतुर्मास स्थापना के विषय में बोलते हुए मुनि श्री ने कहा कि चातुर्मास की स्थापना आत्म कल्याण के लिए होती है । और अपनी स्वयं की आत्मा का कल्याण पुरुषार्थ से होता है हमें चातुर्मास प्राप्त होने की खुशी तो होनी चाहिए लेकिन एक अच्छे पुरुषार्थ के साथ उस चतुर्मास की सुंदरता को बढ़ाना चाहिए । आयोजन में स्थापना करने वाले सभी परिवारों का भव्यता के साथ स्वागत अभिनंदन किया गया। मुनि संकल्प सागर सद्भाव सागर जी महाराज ने आशीर्वाद प्रदान किया।