Home छत्तीसगढ़ सिद्ध चक्र महामण्डल विधान मे आज कुल 256 अर्घ चढ़ाये

सिद्ध चक्र महामण्डल विधान मे आज कुल 256 अर्घ चढ़ाये

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आज के बच्चे कल का भविष्य :-  विधानाचार्य ब्र. जिनेश शास्त्री 

रायपुर – श्री सिद्धचक्र महामण्डल विधान के चौथे दिन सुबह 7 बजे श्री जी का अभिषेक एवं 4 कलशो सें शांतिधारा कर विधान प्रारम्भ किया गया ट्रस्ट कमेटी के अध्यक्ष संजय जैन नायक एवं सचिव राजेश रज्जन जैन ने बताया की आज के श्री सिद्ध चक्र महामंडल विधान मे कुल आज 256 अर्घ चढ़ाये गए है विधानाचार्य ब्र. जिनेश शास्त्री ने अपने उदबोधन मे कहा की आज के बच्चे कल का भविष्य है भारतीय परम्परा मे संतान की उत्पत्ति उत्कृष्ट साधना का फल है वर्तमान मे भोगो को प्रचूरता के साथ संतान को नहीं चाहने की इच्छा पशुता की ओर ले जाती है आज  सें 50 साल पहले हार माता पिता 5 सें ऊपर सन्तानो को जन्म देती थी जो की ईश्वर का वरदान था परन्तु आज के पढ़े लिखें युवा अपनी शारीरिक सुंदरता को बनाये रखने के लिए पुत्र को जन्म ना देकर भोग विलासता की ओर बढ़ती जा रही है जो भारतीय संस्कृति के लिए उसके उथान विकास के लिए अभिशाप है आज का युवक युवतियाँ सोचती है की महंगी पढ़ाई आवास भोजन आदि की व्यवस्था कैसे होंगी तो भारतीय संस्कृति हो या जैन संस्कृति दोनों मै ही कर्तित्व भाव अहम् भाव का निषेध किया है हमारे ऋषि मुनियो ने कहा है जिसने मुख दिया है अर्थात चोंच दि है वही दाना अर्थात भोजन देगा हम जगत के करता धर्ता ना बने कर्तव्य भाव सें भारतीय संस्कृति को समृद्ध करने के लिए अधिकनसे अधिक संतान को जन्म दे अथवा संयम साधना सें रहे भगवान श्री राम जब तक 14 वर्ष वनवास मे रहे संयम साधना सें रहे जब अयोध्या वापस आये तब उन्होंने उस साधना का फल लव और कुश को जन्म देकर भारतीय संस्कृति को बल वीर्य सें सहित पुत्रो को जन्म देकर यह सिद्ध किया था की तप और साधना का फल उत्कृष्ट संतान को जन्म देता है अतएव आज भारतीय समाज इसपर विचार करें और राम कृष्ण महावीर ऋषभ देव जैसे पुत्रो को जन्म देने के लिए संकल्पित हो कल 30/6/23 को सुबह प्रतिदिन की तरह सुबह 7 बजे अभिषेक शांतिधारा विधान सभी के लिए वात्सल्य भोज एवं शाम 7.30 बजे आरती व प्रवचन प्रश्न मंच तत्पश्चात सांस्कृतिक कार्यक्रम मे मोक्ष सीढ़ी का आयोजन श्रीमती ममता जैन द्वारा किया गया है