रायपुर – अनन्य मुनि भक्त जिन पर सभी साधु संतों की विशेष अनुकंपा रहती है। वर्तमान परिदृश्य में आदर्श है यह परिवार बड़े भाई राज – प्रियल पहाड़िया( रंगिया) अनन्य मुनि भक्त सभी दिगंबर साधु पर विशेष श्रद्धा रखने वाले और उनकी सेवा में सदैव तत्पर रहने वाले जिस परिवार में सभी साधु संतों की विशेष कृपा बरसती है। आज की युवा पीढ़ी के लिए जो आदर्श हैं। अपने बच्चों को शुरू से ही साधु संगति में रखना। और उनको उनके माध्यम से संस्कारित कराना। श्रावक के गुणों को शुरू से ही आरोपित कराना। निश्चित ही अनुकरणीय और प्रशंसनीय है। पुत्र – गुणाँश पहाड़िया, जिसने 3 वर्ष की उम्र में देश के सभी महान साधु भगवंत की वरदानी छाव प्राप्त की ओर कर रहा है। आचार्य भगवन विद्यासागर जी महाराज की मांगलिक पूजा भक्ति उनके समक्ष की निश्चित ही यह उसके पुण्य को परिभाषित करता है। छोटी सी उम्र में तीर्थ राज सम्मेद शिखर की वंदना का सौभाग्य और वयोवृद्ध तपस्वी आचार्य संभव सागर जी की पिच्छिका प्राप्त की मात्र 3 वर्ष की उम्र में पुण्यशाली गुणांश ने प्रिय बड़े भैया राज पहाड़िया जिन्होंने अपनी पुत्री का नाम पिच्छिका पहाड़िया रखा। शुरू से ही आर्यिका माताजी की संगति प्राप्त हो रही है। आज के माता पिता के लिए यह परिवार एक आदर्श है। जिसकी आज महती आवश्यकता है जिससे हमारा जिनशासन आगे पढ़ पाएगा।