Home धर्म - ज्योतिष मंत्रोच्चारण के मध्य मीना जैन बनी शुद्धनन्दिनी एवं रामकली बनी शुभनन्दिनी माताजी

मंत्रोच्चारण के मध्य मीना जैन बनी शुद्धनन्दिनी एवं रामकली बनी शुभनन्दिनी माताजी

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वैराग्य के दृश्य को देखकर लोगों की आँखें हुई नम

मुरेना – नगर की दोनों विदुषी महिलाएं मंत्रोच्चारण के मध्य जैनेश्वरी क्षुल्लिका आर्यिका दीक्षा ग्रहण कर जैन साध्वी बन गईं । सोमवार को अभिक्ष्ण ज्ञानोपयोगी आचार्य श्री वसुनन्दी महाराज की परम प्रभावक शिष्या गुरुमां गणिनी आर्यिका श्री सौम्य नन्दिनी माताजी ने ग्राम हथनी (दमोह) मध्यप्रदेश में मुरेना नगर की दिगम्बर जैसवाल जैन उपरोचियाँ परिवार की रावत गोत्रीय मुरेना नसियां जी जैन मंदिर के सामने निवासी पवन जैन (रतीराम पुरा बाले) की मातुश्री ब्रह्मचारणी बहिन मीना जैन व संतोष, नीलेश, दीपक जैन की मातुश्री कोलनायक गोत्रीय रामकली जैन ने आत्म कल्याण हेतु श्रीफ़ल अर्पित कर दीक्षा हेतु निवेदन किया । उनके निवेदन एवं दृढ़ इच्छा शक्ति को देखते हुए समस्त आर्यिका संघ, त्यागिवर्तियों, दोनों बहिनों के परिजनों, रिश्तेदारों एवं हजारों की संख्या में उपस्थित साधर्मी बन्धुओं से दीक्षा हेतु स्वीकृति प्राप्त की । दीक्षा की स्वीकृति मिलते ही दोनों दीक्षार्थी बहिनों के चेहरे के भाव देखते ही बनते थे । उपस्थित विशाल जनसमुदाय ने श्री जिनेन्द्र प्रभु की जयजयकार एवं तालिया बजाकर अत्यंत ही हर्ष के साथ दीक्षार्थी बहिनों के पुण्य की अनुमोदना की ।

मनोज जैन नायक ने बताया की दीक्षा से पूर्व दोनों दीक्षार्थी बहिनों ने सभी परिजनों, रिश्तेदारों, उपस्थित साधर्मी बन्धुओं सहित समस्त प्राणीमात्र से क्षमा याचना की एवं स्वयं ने भी सभी को क्षमा प्रदान की । दीक्षार्थी मीना एवं रामकली जैन ने शरीर पर धारण किये सभी आभूषणों को एक एक कर त्याग करते हुए अपने सिर के बालों का केशलोंच किया । परम पूज्य गुरुमां गणिनी आर्यिका श्री सौम्य नन्दिनी माताजी ने  दोनों दीक्षार्थी बहिनों के आगमानुसार दीक्षा के संस्कार करते हुए मंत्रोच्चारण के साथ जैनेश्वरी क्षुल्लिका  दीक्षाएं प्रदान कीं । दीक्षा उपरांत मुरेना नसियां जी जैन मंदिर के सामने निवासी पवन जैन (रतीराम पुरा वाले) की मातुश्री नव दीक्षार्थी मीना जैन को श्री 105 क्षुल्लिका शुद्धनन्दिनी माताजी एवं अम्बाह रोड मुरेना निवासी नत्थीलाल जैन (चांद जा पुरा) की धर्मपत्नी रामकली जैन को श्री 105 क्षुल्लिका शुभनन्दिनी माताजी नामकरण किया । दीक्षा उपरांत क्षुल्लिका श्री शुद्धनन्दिनी माताजी को महावीरप्रसाद अनिलकुमार जैन (अंबाह बाले) मुरेना ने पिच्छिका, विनोदकुमार लोकेश जैन धौलपुर ने कमंडल, धनीराम गौरव जैन (मांगरोल वाले) धौलपुर ने शास्त्र, पवनकुमार ऋषभ जैन (रतीराम पुरा) मुरेना ने बस्त्र, विजयकुमार शैलेश जैन अम्बाह ने जाप माला एवं सुभाषचंद्र कमलकुमार जैन मुरार ने आहार पात्र भेंट किया । क्षुल्लिका श्री शुभनन्दिनी माताजी को पवनकुमार ऋषभ जैन (रतीराम पुरा) मुरेना ने पिच्छिका, मुन्नालाल सतेंद्रकुमार जैन हिंडौनसिटी ने कमंडल, सरोजदेवी मुकेश जैन मुरेना ने शास्त्र, ओमवती जगदीशचन्द जैन अंबाह ने बस्त्र, नत्थीलाल सन्तोष जैन (चांद का पुरा) मुरेना ने जाप माला एवं आहार पात्र भेंट किया ।