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विलंब से पहुंची परंतु पुण्य का योग था, दीक्षा हो गई – आर्यिका समुन्नतमति

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सागर – आचार्य गुरुदेव श्री विद्यासागर महाराज की परम प्रभावक शिष्या आर्यिका रत्न दृढमतिमाताजी के संघस्थ आर्यिका समुन्नतमति माताजी, ने कहा कि उनकी दीक्षा सिद्धोदय सिद्धक्षेत्र नेमावर में 6 जून 97 को हुई थी। आर्यिका दीक्षा के लिए सूचना अशोकनगर पहुंची वहां से निकले और नेमावर पहुंचते-पहुंचते दोपहर के 12 बज गए फिर भी गुरुदेव के समक्ष पहुंचकर श्रीफल अर्पित किया आचार्य श्री ने कहा अब तो दीक्षार्थियों की सूची बन गई है लेकिन पुण्य का योग्य था और आचार्य भगवन ने आशीर्वाद दे दिया। 26 वर्ष हो चुके हैं आज 27 वां दीक्षा दिवस है। आर्यिका दृणमति माताजी ने गुरुदेव से कहा था कि यह बहन लंबे समय से साधना कर रही है और इनकी दीक्षा होनी ही चाहिए तब गुरुदेव ने अपना आशीर्वाद हमें दिया था हम गुरुदेव के और आर्यिका माता जी के ऋणी है जिन्होंने अपना आशीर्वाद हमें दिया था और आज हम साधना करते हुए मोक्ष मार्ग की ओर बढ़ रहे हैं। आर्यिका साधनामति माताजी , आर्यिका समितिमति माताजी भी भाग्योदय तीर्थ सागर में विराजमान है। जैन पंचायत सभा के अध्यक्ष मुकेश जैन ढाना ने माताजी को श्रीफल समर्पित कर आशीर्वाद लिया कार्यक्रम में आनंद स्टील, टोनी केसली, प्रमोद बारदाना, डॉ राकेश जैन, रश्मि रितु, राजा भैया, सुरेंद्र जैन डबडेरा, आशीष जैन सिहोरा, अजय जैन सेवन, डॉ प्रकाश जैन, डॉ मुकेश जैन आदि उपस्थित थे इस अवसर पर आचार्य श्री की पूजन बालिका मंडल के द्वारा नृत्य करते हुए द्रव्य समर्पित किए गए।