डोंगरगढ़ (विश्व परिवार)। संत शिरोमणि 108 आचार्य श्री विद्यासागर महाराज ससंघ चंद्रगिरी डोंगरगढ़ में विराजमान है | आज के प्रवचन में आचार्य श्री ने कहा कि प्रातः मंद – मंद हवा चल रही थी और एक भवरा उसी के बहाव में जा रहा था कि कहीं उसको फूल मिल जाये तो उसकी खुराक पूरी हो जाये | वह बहुत दूर तक चला जाता है परन्तु उसे कहीं भी फूल दिखाई नहीं देता तब वह सोचता है कि यहाँ से यदि मै लौटता हूँ तो मेरा यहाँ तक आना व्यर्थ हो जायेगा और यदि आगे जाता हूँ और फूल नहीं मिला तो आगे जाना व्यर्थ हो जायेगा | वह इसी उलझन में फस गया कि आगे जाऊ या वापस लौट जाऊ | इसी प्रकार कुछ लोग बिना लक्ष्य के ही इधर उधर घुम घुमकर अपना समय बर्बाद कर रहें हैं और जिन्दगी भर इसी उलझन में फसे रहते हैं कि किस मार्ग में जाना है और किस मार्ग में नहीं जाना है | हमारे आचार्यों ने हम पर उपकार करके शास्त्रों के माध्यम से बताया है कि सदमार्ग में चल कर हम अपना उद्धार किस प्रकार से कर सकते हैं और बिना किसी उलझन में फसे हम अपने लक्ष्य कि प्राप्ति कर सकते हैं | कुछ माता पिता अपने बच्चे को पढ़ा लिखाकर उसके गले में शादि कि माला बांध देते हैं और वह दोनों दंपत्ति जीवन पर्यन्त उसी में उलझे रहते हैं | चाहे कितनी भी प्रतिकुलता हो कैसी भी विपत्ति आ जाये सब मिलकर सहन कर लेते हैं | कुछ लोगो के कहने में आता है कि महाराज हम तो 40 वर्षों से झेल रहें हैं | एक बार एक वृद्ध दंपत्ति हमारे पास आये और कह रहे थे कि महाराज आपके आशीर्वाद से सब बढ़िया चल रहा है बेटा – बेटी सब बढ़िया है, सब कुशल – मंगल है बस हमारी बहु हमारी नहीं सुनती है | ऐसा बहुत से घरों में आज कल हो रहा है ऐसा सुनने में आता है | यह आप लोगों को सोचना चाहिये कि ऐसा क्यों हो रहा है और इस उलझन से कैसे निकला जा सकता है | कहाँ जाना है, कहाँ जा रहे हो | बच्चे, नव जवान और वृद्ध सभी वर्ग का यही हाल है किसी को पता ही नहीं कि सही मार्ग क्या है | किस मार्ग में चल कर जीवन को सार्थक कर सकते हैं | आज आचार्य श्री को नवधा भक्ति पूर्वक आहार कराने का सौभाग्य हथकरघा कि ब्रह्मचारिणी दीदी जगदलपुर निवासी परिवार को प्राप्त हुआ जिसके लिए चंद्रगिरी ट्रस्ट के अध्यक्ष सेठ सिंघई किशोर जैन,सुभाष चन्द जैन, चंद्रकांत जैन, निखिल जैन (ट्रस्टी),निशांत जैन (सोनू), प्रतिभास्थली के अध्यक्ष श्री प्रकाश जैन (पप्पू भैया), श्री सप्रेम जैन (संयुक्त मंत्री) ने बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें दी | श्री दिगम्बर जैन चंद्रगिरी अतिशय तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष सेठ सिंघई किशोर जैन ने बताया की क्षेत्र में आचर्य श्री के दर्शन के लिए दूर – दूर से उनके भक्त आ रहे है उनके रुकने, भोजन आदि की व्यवस्था की जा रही है | कृपया आने के पूर्व इसकी जानकारी कार्यालय में देवे जिससे सभी भक्तो के लिए सभी प्रकार की व्यवस्था कराइ जा सके |आज श्रुत पंचमी पर्व बहुत धूम – धाम से प्रातः भगवान का अभिषेक, शांति धारा, जिनवाणी एवं आचार्य श्री कि पूजन करके मनाया गया | मंदिर परिसर में जैन धर्म के प्रमुख ग्रंथों कि विशेष प्रदर्शनी भी लगाई गयी जिससे जैन धर्म कि प्राचीनता और उनके रचयता का भी उल्लेख किया गया है | उक्त जानकारी चंद्रगिरी डोंगरगढ़ के ट्रस्टी निशांत जैन (निशु) ने दी है |