भोपाल (विश्व परिवार)। संसार में कभी किसी का उपकार नहीं भूलना चाहिए धर्मात्मा तो बहुत है पर सबसे बड़ा धर्मात्मा वही है जो उपकारी के प्रति कृतज्ञ रहता है यह उद्गार सागर ग्रीन मंदाकिनी पंचकल्याणक महोत्सव में व्यक्त करते हुए आचार्य विशुद्ध सागर महाराज ने कहा संसार में सबसे बड़ी जिम्मेदारी है स्वयं के परिणामों को संभालना स्वयं अपनी खोज कर लो तो दुनिया की खोज करने की आवश्यकता नहीं है आचार्य श्री ने कहा संसार के संबंध कष्टकारी होते हैं जितने जितने रिश्ते संसार में बढ़ते जाते हैं उतने ही कष्ट बढ़ते जाते हैं श्री राम जंगल जंगल भटक कर पत्तों से पूछ रहे थे क्या आपने जानकी को देखा एक जानकी के संबंध में उन्हें जंगल-जंगल भटकने पर मजबूर कर दिया और रावण से युद्ध हुआ रावण को पर स्त्री का अपहरण करने के सजा कुल के विनाश से चुकानी पड़ी आचार्य श्री ने कहा संसार में जीवन जीना सबसे कठिन है प्रवक्ता अंशुल जैन ने बताया समवशरण की रचना हुई मुनि आदि कुमार की अहार चर्या की प्रस्तुति के साथ ज्ञान कल्याणक की अराधना हुई नेहरू नगर युवा मंडल के द्वारा रोली भारिल्ल्य के निर्देशन में विशुद्ध सागर जी के जन्म से लेकर वैराग्य की गाथा का प्रस्तुति करण आत्म योगी विशुद्ध सागर की भव्य प्रस्तुति की गई प्रतिष्ठाचार्य पं. महेश डीमापुर, अरुण भैया शुद्धांश, पं. हरिशचन्द शास्त्री, पं. राजेश राज, पं. प्रवेन्द्र सिंघई, जयकुमार जैन के निर्देशन में विधि विधान से धार्मिक क्रियाएं की गई। महापौर मालती राय किशन सूर्यवंशी महोत्सव नायक राजेश भारिल्ल्य, मनोज बांगा, प्रमोद हिमांशु, सूत्रधार पं. कमल कमलांकुर, अध्यक्ष राकेश अनुपम प्रमोद चौधरी एडवोकेट, महेन्द्र जैन, अनिल नयापुरा, मुकेश शीतल, ऋषभ जैन जनसंपर्क डॉ. पी.के. जैन, अमर जैन डॉ. प्रशांत जैन, नेमीचंद जैन, इंजी. वी.के. जैन, प्रो. मनोज जैन,राजेन्द्र टी आई वीरेन्द्र जैन, दीप जैन, संतोष जैन, के.एल. जैन, दिनेश जैन एग्रो, पंकज इंजी., राजकुमार ‘अनुपम’, शैलेन्द्र ‘छोटू’, अनुराग, प्रवीण जैन, प्रणव जैन, डॉ. प्रदीप जैन, सी.ए. अभय जैन, शैलेन्द्र चौधरी, अजय बोहरा, अंतिम, अनिल जैन, मनीष, संजीव, विशाल, राहुल, महिला मण्डल की श्रीमती पुष्पलता, श्रीमती अर्चना, अंजू, कुमोदिनी बरया आदि मौजूद थीं।
– अंशुल जैन प्रवक्ता