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तीर्थो की सुरक्षा के लिए समाज  संगठित होकर कार्य करें – मुनि पुंगव श्री सुधासागरजी महाराज ने किया आव्हान 

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गौमटगिरि तीर्थ की सुरक्षा समय की मांग – विजय धुर्रा

अशोक नगर (विश्व परिवार)। तीर्थो की सुरक्षा के लिए समाज को संगठित होकर एक आवाज पर काम करना होगा तीर्थो के रखरखाव के साथ ही उनकी सुरक्षा आज अहम विषय वन गया है अभी गोम्टगिरि तीर्थ इन्दौर की वात आई थी इतनी बड़ी समाज जो देश की प्रमुख समाजों में इन्दौर समाज मानी जाती है फिर भी गोम्टगिरि पर असामाजिक तत्वों द्वारा अतिक्रमण की कोशिश की जा रही है तो ये समाज के लिए चिन्ता की वात तो है ही ये विचार करना पड़ेगा कि कहीं ना कहीं हम अपनी वात सरकार तक संगठित होकर नहीं रख पा रहे ये हमारे लोगों को विचार करना चाहिए तीर्थो की सुरक्षा के लिए वाऊडी वाल यथा सीघृ वनाये जिससे क्षेत्र सुरक्षित हो उक्त आश्य केउद्गार वरुआसागर (झांसी) में जिज्ञासा समाधान को सम्बोधित करते हुए मुनि पुगंव श्री सुधासागरजी महाराज ने व्यक्त किए इसके पहले तीर्थो की सुरक्षा को लेकर जिज्ञासा करते हुए।

आज तीर्थ क्षेत्रो पर संकट के वादल मंडरा रहे हैं–विजय धुर्रा

 मध्यप्रदेश महासभा संयोजक विजय धुर्रा ने कहा कि परम पूज्य गुरुदेव आज अनेक तीर्थ पर संकट के वादल मंडरा रहे हैं खासकर मध्यप्रदेश की औधोगिक नगरी इन्दौर शहर से लगे हुए गौमटगिरि तीर्थ पर असामाजिक तत्वों द्वारा अतिक्रमण की कोशिश हो रही है वह भगवान बहुवलि स्वामी के रिंग प्रतीक को नुक्सान पहुंचा जा चुका है कई स्थानों पर बाल को छतिग्रस्त किया गया ऐसे में सारे देश की नजर आपकी ओर लगीं हैं पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप आदित्य तीर्थ क्षेत्र कमेटी के निवृत्तमान उपाध्यक्ष हुकम काका पूर्व विधायक वावूलाल पौटौदी के पोते सौरव पाटौदी गौमटगिरि तीर्थ के ट्रस्टी भरत मोदी दोपहर में अपनी व्यथा रख रहे थे ऐसे में तीर्थो की सुरक्षा की जिम्मेदारी का होना बहुत जरूरी हो गया है और आपका मार्गदर्शन आशीर्वाद भी कमेटियों को सम्बल प्रदान करेगा

बाऊडीवाल के लिए सबसे पहले समाज काम करें-सुधासागरजी महाराज

इसके पहले मुनि पुगंव ने कहा कि आज सुरक्षा के लिए बाऊडीवाल तीर्थो पर बहुत आवश्यक है ज्ञानोदय तीर्थ अजमेर राजस्थान तीन सौ एकड़ में फैला है सबसे पहले उसकी बाऊडी वनाई गई समाज चाहें तो सब हो सकता है गौमटगिरि तीर्थ तो पचास साठ वीघा जमीन में वताते है समाज को चेतना होगा जाग्रति करना होगा इन्दौर समाज प्रबुद्ध समाज मानी जाती है फिर उदासीनता क्यों चेतो जगो और सब मिलकर सरकार तक अपनी बात रखो समाधान मिलेगा।

अहिंसा का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए

 निर्यापक श्रमण मुनि पुंगव श्रीसुधासागरजी महाराज जैनियों की अहिंसा का दूरूपयोग मत करो ये हमारी कायरता नहीं है ये हमारी सज्नता है संजन व्यक्ति विगाडता नहीं है लेकिन ऐसा विगडेंगा कि वह फिर कभी सुधरेगा नहीं जहां देखो वहां जैनियों के क्षेत्रों को निशाना बनाया जा रहा है किसी के क्षेत्रों पर कोई कब्जा नहीं कर रहा सिर्फ जैनी निशाने पर हैं चेतो रे जागो जैनियों संगठित होकर कार्य करो जहां लाखों की जैन समाज है वहां गोम्टगिरि सुरक्षित नहीं है इसके लिए आप सभी को अच्छी तरह से संगठित होकर कार्य करना होगा