एमिन झापरोवा के बारे में यहां आप जान सकते हैं. वो यूक्रेन की उभरती हुई नेता हैं और फिलहाल उप-विदेश मंत्री का कार्यभार संभाल रही हैं. ये जिम्मेदारी उन्हें वर्ष 2020 में मिली थी.
झापरोवा का जन्म 5 मई 1983 को हुआ था. वह 39 साल की हैं. राजनीति में आने से पहले वो एक पत्रकार थीं, और बतौर टेलीविजन एंकर अपनी सेवाएं दे चुकी हैं. वह रेडियो स्वोबोडा में फ्रीलांसर थीं.
एमिन झापरोवा (Emine Dzhaparova) को कई देशों की भाषा आती है. वह अंग्रेजी, क्रीमियन तातार, टर्किश और स्पेनिश भी बोल लेती हैं.
अपने गले में डेप्युटी फॉरेन मिनिस्टर एमिन झापरोवा ऐसा ताबीज पहनती हैं. उनके चैंबर में बुक्स का भी कलेक्शन है.
झापरोवा ने पब्लिक सेक्टर में भी अपना करियर बनाया. उन्होंने सांस्कृतिक और मानवीय सहयोग के MFA डिपार्टमेंट के सामाजिक और मानवीय मामलों के विभाग में भी काम किया है.
जब वह क्रीमिया में पत्रकार के तौर पर काम करती थीं, तो 2014 में रूसी सेना द्वारा उस प्रायद्वीप पर हुआ हमला भी उन्होंने देखा था. रूस ने क्रीमिया पर कब्जा कर लिया था, जो अभी भी उसके नियंत्रण में हैं. पिछले साल यानी कि 2022 में रूस ने सीधे यूक्रेन पर ही हमला कर दिया. तब से एमिन रूस को कोस रही हैं.
यूक्रेन में रूस के हमले में आए रोज किसी न किसी जवान की शहादत की खबर आती रहती है, इससे यूक्रेनवासी गमजदा हो जाते हैं. ऐसे हालात में भी एमिन खुद को संभालती हैं और नई सोच के साथ यूक्रेनियन जनता की सेवा में जुट जाती हैं.
रूस के हमले में यूक्रेन को अरबों डॉलर का नुकसान हुआ है. मिसाइलों से यूक्रेन की बिल्डिंग्स तबाह हो गई हैं. इस तबाही को दुनिया के सामने लाने के लिए दझापरोवा खुद बर्बाद हुए इलाकों में गईं और तस्वीरें खींची.
ऐसे में जबकि यूक्रेन कंगाल हो गया है, वहां लोगों के रहने-खाने का संकट है, तो झापरोवा पीड़ितों से मिलने जाती हैं.
कई बार उनके ऑफिस में भी लोग पहुंच जाते हैं तो वो गंभीर हो जाती हैं. उनके दुख-दर्द बांटने की कोशिश करती हैं.
रूस के हमले में यूक्रेन के हजारों सैनिकों की जान गई है. एमिन अपने देश के शहीदों को श्रद्धांजलि देने जाती हैं.
पिछले दिनों जब जापान के प्रधानमंत्री भारत यात्रा पर आए थे तो उसके बाद वो सरप्राइज विजिट पर यूक्रेन भी गए थे. यूक्रेन में एमिन ने ही उन्हें रूसी हमलों के बारे में जानकारी दी थी. तब जापानी प्रधानमंत्री ने कहा था कि वे यूक्रेन को संकट से उबारने के लिए आर्थिक मदद देंगे.
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, झापरोवा बकौल यूक्रेन की उप-विदेशमंत्री अपने भारत दौरे के दौरान रूस के आक्रमण के दौरान क्षतिग्रस्त ऊर्जा बुनियादी ढांचे की मरम्मत के लिए मानवीय सहायता और उपकरणों की मांग कर सकती हैं.