कांग्रेस ने कर्नाटक में 40 उम्मीदवारों की अपनी दूसरी सूची जारी कर दी है, मगर कांग्रेस के लिस्ट जारी करने बाद ही एक नए विवाद ने जन्म ले लिया है. दरअसल भाजपा में एक कार्यकाल के बाद लौटे दलबदलुओं को मैदान में उतारने को लेकर पार्टी में मतभेद नजर आ रहा है.
सूत्रों के मुताबिक इसे लेकर वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने राज्य के नेताओं और स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्यों से कहा है कि वे “अपने मुद्दों को सुलझा लें” और शेष सीटों के लिए “एकल नाम सूची” लेकर आएं. सूत्रों ने कहा कि विचार यह सुनिश्चित करने के लिए है कि त्रिशंकु सदन की स्थिति में या कांग्रेस चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने में विफल होने पर चयनित उम्मीदवार फिर से पार्टी ना बदल लें.
डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया के बीच मतभेद!
आपको बताएं कि , एचडी कुमारस्वामी और कांग्रेस की गठबंधन सरकार को गिराते हुए कई कांग्रेस विधायकों ने 2019 में खेमा बदल लिया था. मई में होने वाले चुनाव से पहले, उनमें से कई पार्टी प्रमुख डीके शिवकुमार द्वारा प्रोत्साहित और स्वागत करते हुए लौटे हैं. उन्हें मैदान में उतारने के मुद्दे पर, पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनके वफादारों के विचार के खिलाफ होने के कारण पार्टी विभाजित हो गई है.
डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया दोनों अपने करीबियों को लाने की फिराक में
वहीं मुख्यमंत्री पद के दावेदार श्री शिवकुमार के स्वागत के दृष्टिकोण को पार्टी के भीतर अपने समर्थन के आधार को बढ़ाने के एक तरीके के रूप में देखा जाता है. विधायक दल के नेता के रूप में निर्वाचित होने के लिए विधायकों का समर्थन आवश्यक है, जो मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के लिए अनिवार्य है.
मुख्यमंत्री पद आलाकमान लेगा निर्णय- सिद्धारमैया
वहीं एक साक्षात्कार में सिद्धारमैया ने कहा कि ,”यदि डीके शिवकुमार मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं, तो कुछ भी गलत नहीं है. अगर मैं मुख्यमंत्री बनना चाहता हूं, तो कुछ भी गलत नहीं है. अंततः, नवनिर्वाचित विधायकों को विधायक दल के नेता का चुनाव करना होगा पार्टी. और अंततः आलाकमान को निर्णय लेना है. और वह लोकतांत्रिक प्रक्रिया है. आपको बताएं की कांग्रेस 124 उम्मीदवारों की पहली सूची पहले ही जारी कर चुकी है. सूत्रों ने कहा कि पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक आज शेष सीटों पर अंतिम फैसला लेने के लिए होगी.