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Karnataka Election ; पीएम मोदी करेंगे 20 रैलियां, सत्ता में लौटने के लिए बनाई खास रणनीति !

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बेंगलुरु: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने प्रचार का मेगा प्लान बनाया है.

पार्टी की स्टेट यूनिट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कम से कम 20 रैलियां आयोजित करने की योजना बनाई है. पार्टी के प्रबंधकों के मुताबिक वो इस कार्यक्रम पर प्लान कर रहे हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक पीएम मोदी चुनाव के आखिरी चरण में राज्य में ताबड़तोड़ प्रचार कर सकते हैं. गौरतलब है कि राज्य में 10 मई को चुनाव होने हैं. ऐसे में 6 से 8 मई तक पीएम मोदी राज्य में ताबड़तोड़ चुनाव प्रचार कर सकते हैं.

कांग्रेस-जेडीएस के गढ़ में गरजेंगे पीएम मोदी

कर्नाटक में पीएम मोदी कांग्रेस और जेडीएस के गढ़ों में फोकस कर सकते हैं. पार्टी के प्रबंधकों का मानना है कि जिस तरह से सूबे में बीजेपी के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर है और गुटबाजी है. ऐसे हालात में सिर्फ पीएम मोदी का जादू है, जो उन्हें जीत दिला सकता है. प्रबंधकों ने राज्य को 6 क्षेत्रों में विभाजित किया है. उनमें पीएम मोदी की कम से कम तीन रैलियां कराने की प्लान है.

इसमें (कर्नाटक-हैदराबाद) क्षेत्र, जो आंध्र प्रदेश की सीमा से सटा हुआ है. यहां पीएम मोदी सबसे ज्यादा रैलियां कर सकते हैं. यहां लगभग 40 विधानसभा सीटे हैं. यहां से कांग्रेस के कद्दावर नेता मल्लिकाजुर्न खड़के आते हैं, जो मौजूदा समय में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को यहां से सिर्फ 15 सीटें मिली थी.

पीएम मोदी के सहारे बीजेपी

बसवराव बोम्मई सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं और विपक्षी दल इसे मुद्दा बना रहे हैं. ऐसे में पीएम मोदी स्थानीय नेताओं का जिक्र किए बिना लोकल मुद्दों और आइकन पर फोकस करते हुए चुनाव प्रचार करेंगे. चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले पीएम मोदी हुबली, माड्या समेत 7 जगहों पर रैली कर चुके हैं. इसमें ये बातें नजर आ चुकी हैं. सूत्रों के मुताबिक वो चुनाव प्रचार में किसी एक नेता का सपोर्ट करते हुए नहीं दिखेंगे.

पीएम मोदी भ्रष्टाचार को लेकर देंगें कड़ा संदेश

कर्नाटक की बीजेपी इकाई ने केंद्रीय नेतृत्व को चुनाव प्रचार को लेकर एक सुझाव दिया है. इसमें कहा गया है कि खास तौर पर पीएम मोदी और अन्य केंद्रीय नेताओं द्वारा खुद को विपक्षी दलों पर हमले के साथ सीमित नहीं रखना चाहिए. बल्कि ये संदेश देना चाहिए जब भ्रष्टाचार पर लगाम कसने की बात आती है तो केंद्रीय नेतृत्व को अपने ही लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने को तैयार रहती है. इसके अलावा भाई-भतीजावाद को लेकर भी पार्टी काफी सख्त है. हालांकि इन सबके बीच पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा पार्टी के प्रचार अभियान का स्थानीय चेहरा होंगे.