पाला बदलने में माहिर हो चुके नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल के सामने अब एक नई चुनौती खड़ी है। दहल के लिए नए सत्ताधारी गठबंधन में शामिल दलों के बीच सत्ता का बंटवारा करना मुश्किल साबित हो रहा है।
बीते दिसंबर में जब दहल ने नेपाली कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन को झटका देकर पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (यूएमएल) के साथ गठजोड़ की थी, तब उसके बाद भी सहयोगी दलों के बीच सत्ता बंटवारे की चुनौती पेश आई थी। वहां उसका समाधान निकलने के पहले ही दहल ने फिर पाला बदल लिया और नेपाली कांग्रेस के खेमे से जा जुड़े।
नए गठबंधन के समर्थन से दहल प्रधानमंत्री तो बने रहे हैं, लेकिन अब तक वे अपने मंत्रिमंडल का पूरा गठन नहीं कर पाए हैं। अब सहयोगी दलों ने उन्हें अगले सोमवार तक यह काम पूरा कर लेने को कहा है। प्रधानमंत्री ने गठबंधन में शामिल चार बड़े दलों- नेपाली कांग्रेस, नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (माओइस्ट सेंटर), नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (यूनिफाइड सोशलिस्ट) और जनता समाजवादी पार्टी के नेताओं के साथ अपने निवास पर एक बैठक की। इसके बाद नेपाली कांग्रेस के चीफ ह्विप रमेश लेखक ने पत्रकारों से कहा कि हमारे बीच मंत्रिमंडल का जल्द से जल्द विस्तार करने पर सहमति बनी है। लेकिन अभी इस पर सहमति नहीं बन सकी है कि किसे किस विभाग का मंत्री बनाया जाएगा। बैठक में सभी पार्टियां इस पर सहमत हुईं कि मंत्रिमंडल का विस्तार जल्द से जल्द किया जाए।
माओइस्ट सेंटर के उप महासचिव शक्ति बासनेट ने कहा है कि बैठक में संघीय मंत्रिमंडल के विस्तार के साथ-साथ प्रांतीय स्तर पर भी सत्ता बंटवारे के सवाल पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि संघीय और प्रांतीय स्तरों पर सत्ता के बंटवारे पर फैसला साथ-साथ होगा। अभी इस बारे में शुरुआती बातचीत हुई है। अगले दो से तीन दिन में सारे मामलों का निपटारा हो सकता है।
सत्ताधारी गठबंधन के सामने प्रांतों में सत्ता का बंटवारा करना भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। पर्यवेक्षकों के मुताबिक इस समस्या की जड़ में दहल का बार-बार पाला बदलना है। यूएमएल का साथ छोड़ने के बाद उसके नेतृत्व वाले गठबंधन के दो अन्य दलों को भी दहल अपने साथ नए गठबंधन में ले आए। इससे नेपाली कांग्रेस वाले गठबंधन के समीकरण गड़बड़ा गए।
दहल के मंत्रिमंडल में अभी 16 और मंत्रियों को शामिल किया जाना है। समझा जाता है कि नेपाली कांग्रेस उनमें आठ से दस स्थान मांग रही है। बाकी दलों के दर्जनों नेता मंत्री बनने की फिराक में हैं। नेपाली कांग्रेस की एक बैठक 19 मार्च को हुई थी। उसमें कहा गया कि मंत्रियों के बारे में फैसला गठबंधन में विभिन्न दलों के योगदान और नेताओं की क्षमता के आधार पर होना चाहिए। पार्टी के एक नेता अखबार काठमांडू पोस्ट से कहा कि हम सुनिश्चित करेंगे कि मंत्रियों का चुनाव करते वक्त सभी वर्गों को नुमाइंदगी मिले और क्षेत्रीय संतुलन बना रहे।
उधर यूनिफाइड सोशलिस्ट ने मंत्री पद की सौदेबाजी करने के लिए दो सदस्यों का टास्क फोर्स बनाया है। खबरों के मुताबिक यूनिफाइड सोशलिस्ट और जनता समाजवादी पार्टी दोनों तीन-तीन मंत्री पद मांग रही हैं, जबकि लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी और जनमत पार्टी ने दो-दो मंत्री पदों पर दावा जताया है।