असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने दावा किया कि उन्होंने 600 मदरसों को बंद कर दिया और सभी मदरसों को बंद करने का इरादा हैं क्योंकि वह इसकी जगह पर स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय खोलना चाहते हैं.
चुनावी राज्य कर्नाटक में बेलगावी के शिवाजी महाराज गार्डन में ‘शिव चरिते’ के लिए एक रैली को संबोधित करते हुए सरमा ने आरोप लगाया कि बांग्लादेश से लोग पूर्वोत्तर राज्य में आते हैं और इसकी सभ्यता और संस्कृति के लिए खतरा पैदा करते हैं. समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार सरमा ने कहा, ‘बांग्लादेश के लोग असम आते हैं और हमारी सभ्यता और संस्कृति के लिए खतरा पैदा करते हैं. मैंने 600 मदरसों को बंद कर दिया है और मेरा इरादा सभी मदरसों को बंद करने का है क्योंकि हम मदरसे नहीं चाहते. हम स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय चाहते हैं.’
पिछले साल, सरमा ने दावा किया था कि असम “जिहादी गतिविधियों” का अड्डा बन गया है क्योंकि बांग्लादेश में अल कायदा से जुड़े आतंकी संगठनों के लिंक वाले पांच “जिहादी” मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया गया. सरमा ने कहा कि खुफिया सूचनाओं के अनुसार, बांग्लादेश से कम से कम छह एबीटी सदस्यों ने 2016 और 2017 के बीच अवैध रूप से भारत में घुसे और “जिहादी” विचारधारा के बारे में स्थानीय युवाओं को प्रेरित करके आतंकी मॉड्यूल और स्लीपर सेल स्थापित किए. बेलगावी की रैली में, सरमा ने कांग्रेस पर भी जमकर निशाना साधा और कहा कि पार्टी ने दिखाया कि भारत का इतिहास मुगल सम्राटों के बारे में था और कहा कि यह “आज के नए मुगलों” का प्रतिनिधित्व करते हैं.
‘औरंगजेब के समय ‘सनातन’ संस्कृति को खत्म किया गया’ उन्होंने कहा, ‘कभी दिल्ली के शासक मंदिरों को तोड़ने की बात करते थे, लेकिन मैं आज पीएम मोदी के शासन में मंदिरों के निर्माण की बात कर रहा हूं.
यह नया भारत है. कांग्रेस इस नए भारत को कमजोर करने का काम कर रही है. कांग्रेस नए मुगलों का प्रतिनिधित्व कर रही है.’ असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय इतिहास छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में भी था. सरमा ने कहा कि औरंगजेब के शासन के दौरान, उन्होंने ‘सनातन’ संस्कृति को समाप्त करने का प्रयास किया और आरोप लगाया कि तमाम लोगों को जबरन इस्लाम में परिवर्तित किया गया.