सर्व आदिवासी समाज अगर 2023 में अपने उम्मीदवार उतारता है तो उसे वोट नहीं मिलेंगे। भानुप्रतापपुर उपचुनाव में वोट मिल गए थे, लेकिन अब जनता जान गई है कि वह भाजपा की बी टीम हैं। यह कहना है उद्योग एवं आबकारी मंत्री कवासी लखमा का। नक्सली नहीं देखते कि कौन कांग्रेस का और कौन भाजपा का है। भाजपा शासनकाल में कई हत्याएं हुई तो क्या वह भी टारगेट किलिंग थी।
सर्व आदिवासी समाज अगर चुनाव में उतरा तो कांग्रेस को कितना नुकसान होगा?
सर्व आदिवासी समाज RSS की बी टीम है। RSS फूट डालो राज करो नीति पर चलती है। वह आदिवासी भाइयों को आदिवासी से ही लड़ा रही है। आज जनता जान चुकी है कि यह भाजपा की ही टीम है।
आदिवासी 2023 में कांग्रेस को क्यों वोट देंगे?
15 साल आदिवासियों का शोषण हुआ। 700 गांव के लोग पलायन करके तेलंगाना चले गए। भाजपा के समय में लोगों के घर जलाए गए। आदिवासियों ने बाजार जाना बंद कर दिया था। सरकार आने के बाद हमने 5-5 लाख रुपए दिए। बस्तर में हम 12 की 12 सीटें जीतेंगे।
भाजपा का आदिवासी क्षेत्रों पर फोकस है। कांग्रेस क्या कर रही है?
भाजपा शासनकाल में 3000 स्कूल बंद कर दिए गए थे। तेंदूपत्ता संग्राहकों को भाजपा 2500 रुपए देती थी। हम 4000 दे रहे हैं। धान के लिए 2640, कोदो कुटकी के लिए 3000, रागी का 3500 रुपए दिया जा रहा है।
आरक्षण विधेयक पर क्या कहना है?
मुख्यमंत्री ने कानूनी राय लेकर भाजपा की सर्वसम्मति से आरक्षण विधेयक पास हुआ। जैसे ही राज्यपाल के पास विधेयक गया तुरंत आर एस एस का फोन आ गया। अगर राज्यपाल विधेयक से संतुष्ट नहीं है तो उन्हें वापस कर देना चाहिए। राज्यपाल तैयार थी हस्ताक्षर करने के लिए लेकिन आका लोगों ने मना कर दिया। आरक्षण विधेयक को शांत करने राज्यपाल को हटा दिया गया।
आप आबकारी मंत्री हैं, क्या शराबबंदी होनी चाहिए?
15 साल में शराबबंदी क्यों नहीं की गई। मुख्यमंत्री ने सदन में बोला यह कांग्रेस पार्टी की शराबबंदी नहीं होगी, यह जनता के लिए होगी। इसलिए हमने एक समिति बनाई है। छत्तीसगढ़ 7 राज्यों से घिरा है ऐसे में शराबबंदी करने से पहले इस पर विचार करना है कि दूसरे राज्यों से दो नंबर से आने वाली शराब को कैसे रोका जाए।
नक्सलवाद कैसे खत्म होगा?
विकास होगा तो नक्सलवाद खत्म हो जाएगा। भाजपा गोलियां मारकर नक्सल खत्म कर रही थी। भाजपा नेता हेलीकॉप्टर से जाते थे हम सड़क से जाते हैं। केंद्र सरकार को बस्तर में पैकेज देना चाहिए।