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क्या आ रही है काेराेना की नई लहर? अगले 40 दिन भारत के लिए खतरनाक

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नए साल की तैयारियों के साथ- साथ हमें आने वाले खतरे के लिए भी तैयार रहना चाहिए। क्योंकि देश के लिए अगले 40 साल काफी अहम है। दावा किया जा रहा है कि भारत में कोविड-19 के मामले जनवरी में तेजी से बढ़ सकते हैं, ऐसे में अगले 40 दिन काफी महत्वपूर्ण हैं।

यह कहना गलत नहीं होगा कि भारत में चौथी लहर का खतरा बढ़ रहा है।


संक्रमण की गंभीरता कम है: स्वास्थ्य मंत्रालय

आधिकारिक सूत्रों ने महामारी के प्रसार की पिछली पद्धति का हवाला देते हुए कहा- ”विगत में, यह पाया गया था कि पूर्वी एशिया के कोविड-19 की चपेट में आने के 30-35 दिन बाद भारत में महामारी की एक नयी लहर आई थी… यह एक प्रवृत्ति रही है। हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि- संक्रमण की गंभीरता कम है। यदि कोविड की नयी लहर आती भी है तो इससे होने वाली मौतें और संक्रमितों के अस्पताल में भर्ती होने की दर बहुत कम रहेगी।

क्या कहना है विशेषज्ञों का?

वहीं दूसरी तरफ विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में अभी चौथी खुराक की जरूरत नहीं है। उल्लेखनीय है कि कोविड के खिलाफ दोनों टीके लगवा टीकाकरण पूरा करवा चुके कई लोगों ने भी अब तक एक भी एहतियाती खुराक नहीं ली है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसके लिए एक ढांचागत और व्यवस्थित प्रतिक्रिया की जरूरत है। चीन में वृद्धि के बाद कोविड एक बार फिर रडार पर है और लोग भारत में संक्रमण की एक और लहर की आशंका को लेकर चिंतित है।


चीन के हालात को देखकर भारत चिंतित

भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर), पुणे में शिक्षण कार्य से जुड़े सत्यजीत रथ ने कहा- यह उम्मीद करने का कोई कारण नहीं है कि चीनी स्थिति भारत के लिये कुछ भविष्यवाणी करेगी। चीन में हालात विशेष रूप से देश द्वारा लगभग तीन वर्षों से अपनायी जा रही शून्य-कोविड नीतियों की वजह से है।’ चीन में पिछले कुछ सप्ताह में प्रतिदिन हजारों मामले सामने आ रहे हैं। टीकाकरण के अलावा व्यापक वास्तविक संक्रमण के साथ भारतीय स्थिति काफी अलग है और कोविड वायरस आखिरकार फैल रहा है और इसलिए केवल चीन में ही नहीं, बल्कि दुनिया भर के समुदायों में उत्परिवर्तित हो रहा है, इसलिए हर जगह नए स्वरूप (वेरिएंट) उभर रहे हैं।’


भारत में चौथी लहर की संभावना कम

सीएसआईआर-जिनोमिकी और समवेत जीव विज्ञान संस्थान (आईजीआईबी) के निदेशक अनुराग अग्रवाल का कहना है कि ”भारत में कोविड-19 की किसी बड़ी लहर की संभावना बेहद कम है।जो कदम पहले ही उठाए गए हैं उनके अलावा फिलहाल किसी और कदम की आवश्यकता नहीं है।” सरकारी आंकड़ों के अनुसार, लगभग 22.35 करोड़ एहतियाती खुराक दी गई है, जो तीसरी खुराक के लिए पात्र कुल जनसंख्या का 27 प्रतिशत है। बड़ी आबादी को अब भी एहतियाती खुराक दी जानी बाकी है।