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‘हिन्दुओं को ज्यादा बच्चे पैदा करना…’; बदरुद्दीन अजमल के बयान पर असदुद्दीन ओवैसी ने कही ये बात

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गुजरात विधानसभा चुनाव के बीच राजनीतिक बयानबाजी का दौर जारी है। आए दिन हर जगह से विवादित बयान सामने आ रहे हैं। असम के ऐसे ही एक नेता है बदरुद्दीन अजमल जिनके हिन्दुओं के बारे में दिए गए एक बयान पर विवाद छिड़ गया है। बदरुद्दीन अजमल ने कहा था कि अधिक बच्चे पैदा करने के लिए हिंदुओं को भी मुस्लिमों वाला फॉर्मूला अपनाना चाहिए। साथ ही हिन्दू शादी से पहले कई महिलाओं संग संबंध रखते हैं। बदरुद्दीन अजमल के इस बयान पर एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि किसे कब शादी करनी और कब परिवार बढ़ाना है, और कितने बच्चे पैदा करने हैं? यह उस पर ही छोड़ देना चाहिए। गुजरात चुनाव में अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने पहुंचे ओवैसी ने एक टीवी चैनल से बात करते हुए कहा कि यह अजमल के बयान पर मैं कुछ नहीं कह सकता, लेकिन मेरा मानना है कि यह हर किसी की व्यक्तिगत इच्छा पर निर्भर करता है कि वह कब शादी करेगा और कब बच्चे करके अपना परिवार बढ़ाएगा। यह हर महिला और पुरुष की अपनी चॉइस है। मैं इसमें कुछ कहना नहीं चाहता। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अपने बयान को बदरुद्दीन भाई ही बेहतर समझा जा सकते हैं। मैं उनकी तरफ से कुछ नहीं कह सकता। हां, लेकिन अब भारत में लिव-इन रिलेशन मान्य है और 377 भी जा चुका है।

बदरुद्दीन अजमल बोले- हिंदू 18-20 साल में कराएं लड़कियों की शादी

ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईडीयूएफ) के प्रमुख बदरुद्दीन अजमल ने शुक्रवार को कहा था कि हिंदुओं को भी मुस्लिमों वाला फॉर्मूला अपनाना चाहिए और अपने बच्चों की शादी कम उम्र में कर देनी चाहिए। अजमल ने कहा, “मुस्लिम पुरुष 20-22 साल की उम्र में शादी करते हैं, और मुस्लिम महिलाएं भी सरकार द्वारा अनुमेय उम्र के बाद 18 साल की उम्र में शादी करती हैं। दूसरी तरफ हिंदू शादी से पहले एक, दो या तीन अवैध पत्नियां रखते हैं, वे बच्चों को जन्म नहीं देते, खुद आनंद लेते हैं और पैसे बचाते हैं…”। मुस्लिम आबादी बढ़ने के दावों के बारे में पूछे जाने पर एआईडीयूएफ प्रमुख ने कहा, “40 साल की उम्र के बाद वे माता-पिता के दबाव में शादी कर लेते हैं … इसलिए, कोई कैसे उम्मीद कर सकता है कि वे 40 के बाद बच्चे पैदा करेंगे? यदि आप उपजाऊ भूमि में बोते हैं तभी तुम अच्छी फसल ले सकते हो, तभी विकास होगा।” अजमल ने कहा हिंदुओं को भी मुसलमानों के फॉर्मूले पर चलना चाहिए और अपने बच्चों की शादी कम उम्र में करानी चाहिए, 20-22 साल की उम्र में शादी करनी चाहिए, 18-20 साल की लड़कियों की शादी करनी चाहिए और फिर देखना चाहिए कि कैसे बहुत सारे बच्चे पैदा होते हैं। एआईयूडीएफ प्रमुख अजमल ने हाल ही में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की ‘लव जिहाद’ पर टिप्पणियों का जवाब दिया, जो हाल ही में दिल्ली में श्रद्धा वाकर हत्याकांड के संदर्भ में दी गई थी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आज देश के शीर्ष नेताओं में से एक हैं, तो उन्हें कौन रोक रहा है, आप भी चार-पांच ‘लव जिहाद’ करो और हमारी मुस्लिम लड़कियों को ले जाओ। हम इसका स्वागत करेंगे और लड़ाई भी नहीं करेंगे। अजमल ने कहा, यह भी देखा जाएगा कि आपमें कितनी ताकत है। असम के सीएम ने हाल ही में कहा था कि श्रद्धा वाकर मामले में ‘लव जिहाद’ का तत्व है। सरमा ने पिछले महीने कहा था कि भारत को समान नागरिक संहिता और ‘लव जिहाद’ के खिलाफ कानून की जरूरत है। दिल्ली नगर निगम चुनाव से पहले दिल्ली में रोड शो के दौरान, असम के मुख्यमंत्री ने कहा था कि भारत को आफताब (श्रद्धा हत्याकांड के आरोपी) जैसे व्यक्ति की नहीं, बल्कि भगवान राम जैसे व्यक्ति की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे नेता की जरूरत है। इस बीच, एआईयूडीएफ प्रमुख अजमल ने वक्फ बोर्ड से भी आग्रह किया कि हिंदू लड़कियों को केवल मुस्लिम लड़कियों के लिए खोले जा रहे कॉलेजों में पढ़ने की अनुमति दी जाए। एआईयूडीएफ प्रमुख ने कहा था कि कर्नाटक वक्फ बोर्ड ने कहा है कि वह मुस्लिम लड़कियों के लिए 10 कॉलेज खोलेगा। मैं उनसे अपील करूंगा कि वे अपने द्वारा बनाए गए कॉलेजों में हिंदू लड़कियों को दाखिला दें। हम सभी लड़कियों को शिक्षित करना चाहते हैं।