भाजपा पिछले कुछ समय से कथित भ्रष्टाचार को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) को घेरती आ रही है. दिप्रिंट को मिली जानकारी के मुताबिक इस मुद्दे पर भाजपा का लगातार हमलावर होना दरअसल दिल्ली निकाय चुनावों को लेकर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बी.एल. संतोष की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है.
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, गुजरात विधानसभा चुनाव-जहां आप भाजपा को मात देने की कोशिश में लगी है-भी यह रणनीति अपनाए जाने का एक प्रमुख कारण है.
भाजपा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रतिनिधि संतोष ने पार्टी में अपने सहयोगियों से कहा है कि आप के नेता और दिल्ली में आप के नेतृत्व वाली सरकार भ्रष्टाचार के आरोपों में ‘घिरी’ है और इसलिए भाजपा को निकाय चुनाव से पहले यह मुद्दा जोर-शोर से उठाने पर फोकस करना चाहिए. भाजपा के कई नेताओं ने दिप्रिंट से बातचीत में यह जानकारी दी.
संतोष ने 5 नवंबर को एक बैठक में ये निर्देश दिए थे (फिर 14 नवंबर को कोर कमेटी की बैठक हुई), जिसमें भाजपा के दिल्ली प्रभारी बैजयंत पांडा, राष्ट्रीय सचिव सुनील देवधर और दिल्ली भाजपा प्रमुख आदेश गुप्ता सहित कई नेता मौजूद थे. उधर, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 7 नवंबर को पार्टी नेताओं के साथ एक और बैठक की अध्यक्षता की.
सूत्रों के मुताबिक, यद्यपि बैठक दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनावों के संदर्भ में थी, उम्मीद की जा रही है कि भ्रष्टाचार के आरोपों पर आप को घेरने से भाजपा को गुजरात चुनावों में भी फायदा मिल सकता है, जहां केजरीवाल की पार्टी भाजपा की प्रमुख प्रतिद्वंद्वी के तौर पर उभरने की कोशिश कर रही है.
‘इस बार कांटे की टक्कर है’
पार्टी के एक सूत्र के मुताबिक, भाजपा केंद्रीय नेतृत्व को जो फीडबैक मिला है, वो बताता है कि इस बार नगरपालिका चुनाव में ‘कांटे की टक्कर’ होने वाली है और इसलिए, यह सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव रणनीति आजमाई जा रही है कि लगातार तीन कार्यकाल के बाद एंटी-इंकमबैंसी फैक्टर से निपटा जा सके.
पिछले सप्ताह विचार-मंथन के कई सत्रों के बाद भाजपा ने भ्रष्टाचार और कुशासन के मुद्दे पर आप सरकार को घेरने के लिए हर दिन एक प्रेस कान्फ्रेंस करने का फैसला किया.
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, ‘संतोष जी ने तैयारियों की समीक्षा की और जाना की दिल्ली इकाई ने क्या योजना बनाई है. और उन्होंने बताया कि भ्रष्टाचार का मुद्दा लोगों के साथ जुड़ा है और इसे लेकर काफी सुगबुगाहट भी है. इसलिए, पार्टी को इस पर अधिक फोकस करना चाहिए. उन्होंने समझाया कि जरूरत इस बात की है कि दैनिक आधार पर भ्रष्टाचार और कुशासन से संबंधित अधिक से अधिक खुलासे किए जाएं ताकि लोग समझ सकें कि आप सरकार वास्तव में कैसे कार्य करती है.’
उक्त वरिष्ठ नेता एमसीडी चुनावों के लिए भाजपा के चुनाव अभियानों और रणनीतियों की समीक्षा करने वाली विभिन्न चुनाव समितियों के प्रभारियों के साथ नियमित तौर पर बैठकें करते रहे हैं. पार्टी के एक अन्य पदाधिकारी ने बताया कि चुनाव प्रचार के आखिरी चरण पर चर्चा के लिए बुधवार को उनके साथ फिर बैठक होने की संभावना है.
पिछले कुछ दिनों से भाजपा की दिल्ली इकाई ‘खुलासा’ कर रही है कि कैसे आप भ्रष्टाचार में लिप्त है. उदाहरण के तौर पर, सोमवार को राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने आप पर ‘टिकट के बदले रिश्वत’ देने का आरोप लगाया. इसी तरह, शुक्रवार को पार्टी ने आप नेता मुकेश गोयल पर एमसीडी के एक जूनियर इंजीनियर से कथित तौर पर पार्टी नेताओं को उपहार देने के लिए एक करोड़ रुपये की मांग करने का आरोप लगाया.
भाजपा नेताओं का मानना है कि एमसीडी चुनावों में किसी पार्टी के पक्ष या विपक्ष में कोई लहर नहीं है, इसलिए पार्टी को और अधिक आक्रामक होने की जरूरत है. साथ ही यह सुनिश्चित करने के लिए कि भाजपा को मिलने वाला समर्थन ज्यादा से ज्यादा वोटों में बदल सके, बूथ स्तर के प्रबंधन पर खास जोर दिया जा रहा है.
इस चुनाव में भाजपा का फोकस कथित शराब घोटाले पर भी है ताकि आप के भ्रष्टाचार विरोधी नारे की धार कुंद की जा सके, जिसे केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी गुजरात में भी भुनाने की कोशिश कर रही है.
एक अन्य नेता ने कहा, ‘शराब घोटाला तो उन प्रमुख मुद्दों में से केवल एक है जिन्हें हम उजागर कर रहे हैं क्योंकि भ्रष्टाचार विरोधी एजेंडे के साथ सत्ता में आई आप वास्तव में भ्रष्टाचार में लिप्त है. इसके अलावा, हम मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी सत्येंद्र जैन समेत आप नेताओं पर भी दबाव बनाए रखेंगे.’
आबकारी नीति से संबंधित कथित भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर भाजपा दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर भी निशाना साधती रही है. अक्टूबर में, सिसोदिया आबकारी नीति मामले में पूछताछ के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के समक्ष उपस्थित हुए थे.