केरल के सबरीमाला मंदिर के द्वार मंडलम-मकरविलक्कू वार्षिक उत्सव के लिए आज खोल दिए गए हैं। दो महीने तक चलने वाले इस उत्सव के दौरान हज़ारों श्रद्धालु भगवान अयप्पा मंदिर की पूजा के लिए पहुंचेंगे।
मंदिर के द्वार बुधवार शाम ही खोल दिए गए हैं लेकिन श्रद्धालुओं के लिए ये द्वार आज शाम 5 बजे खुलेंगे।
मंदिर के अनुष्ठानों की शुरुआत अष्ट द्रव्य महा गणपति हवन करने के साथ हुई। अष्टाभिषेकम के बाद नेय्याभिषेकम शुरू हुआ। पहाड़ मंदिर के श्रीकोविल (गर्भगृह) को निवर्तमान प्रमुख पुजारी एन परमेश्वरन नंबूदरी द्वारा प्रमुख पुजारी महेश मोहनारू की उपस्थिति में बुधवार शाम पांच बजे खोला गया था।
कल शाम हालांकि श्रीकोविल में कोई अनुष्ठान नहीं किया गया। तांत्री राजीवरु कंदरारू ने थिरुमुट्टम में पवित्र अग्नि को प्रज्वलित किया। प्रमुख पुजारी गुरुवार को मलयालम महीने के पहले दिन एक साल के कार्यकाल के लिए कार्यभार संभालेंगे। वार्षिक मडाला पूजा 27 दिसंबर को और मकरविलक्कू 14 जनवरी, 2023 को आयोजित की जाएगी।
बता दें कि केरल में स्थित 800 साल पुराने सबरीमाला मंदिर में हमेशा से महिलाओं के प्रवेश पर रोक थी। मान्यता है कि सबरीमाला मंदिर में विराजमान भगवान अयप्पा ब्रह्मचारी हैं। इस कारण युवा महिलाओं का प्रवेश यहां वर्जित किया गया है। साल 2006 में मंदिर के मुख्य ज्योतिषी ने दावा किया कि मंदिर में स्थापित भगवान अयप्पा अपनी शक्तियां खो रहे हैं। ऐसा इसलिए है कि मंदिर में शायद किसी कम उम्र की महिला ने प्रवेश किया है।